/प्रो. रणजोध सिंह की पुस्तक ‘आईना’ पर शिमला में परिचर्चा एवं सम्मान।

प्रो. रणजोध सिंह की पुस्तक ‘आईना’ पर शिमला में परिचर्चा एवं सम्मान।

जून में लेखन शिविर में भाग लेने का भूटान से भी निमंत्रण।

शिमला 24 मार्च,
हिम नयन न्यूज़ /ब्यूरो/ वर्मा

भाषा एवं संस्कृति विभाग शिमला तथा कीकली चेरिटेबल ट्रस्ट के सौजन्य से हिमाचल प्रदेश के 11 वारिष्ठ लेखकों तथा दो युवा लेखकों की पुस्तकों पर एक परिचर्चा का आयोजन शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थिएटर में किया गया।

मिली जानकारी के मुताबिक गत दिवस इस अवसर पर नालागढ़ के जाने- माने साहित्यकार प्रो. रणजोध सिंह के काव्य- संग्रह ‘आईना’ पर भी परिचर्चा हुई।

इस परिचर्चा में कुमारी शगुन रनोट दून वैली पब्लिक स्कूल नालागढ़, कुमार शुभम रनोट, दून वैली पब्लिक स्कूल नालागढ़, तथा कुमारी प्राची ने भाग लिया।

शिमला के युवा साहित्यकार ‘विचलित’ अजेय ने मॉडरेटर की भूमिका अदा की।

उन्होंने बताया कि प्रो.रणजोध की पुस्तक ‘आईना’ साहित्य की दुनिया में मील का पत्थर साबित होगी
बता दे कि प्रो. रणजोध सिंह नालगढ़ के वारिष्ठ साहित्यकार है। प्रो. रणजोध सिंह अपने लेखन कर्म के कारण वे पिछले साल भी पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी द्वारा नेपाल लेखन शिविर में सम्मानित हो चुके है, जून में लेखन शिविर में भाग लेने के लिए भूटान से भी निमंत्रण मिला है तथा इस वर्ष इसी लेखन शिविर में जून के महीने में भूटान जा रहे हैं।

उनकी एक कहानी ‘कैंथ का पेड़’ पर नाटक भी बन चुका है तथा भाषा एवं संस्कृति विभाग शिमला और कीकली चेरिटेबल ट्रस्ट के सौजन्य से गेयटी थिएटर शिमला में मंचित भी हो चुका है।

नालागढ़ साहित्य कलामंच ने प्रो. सिंह को बधाई दी है तथा कहा है कि ये नालागढ़ के लिए गर्व का विषय है।