सोलन (अर्की )8 अगस्त,
हिम नयन न्यूज /ब्यूरो/ वर्मा
द्वापर युग के अन्तिम शासक पांडवो के पोत्र राजा परिक्षित के शासन काल से कलियुग की शुरूआत हुई थी यह बात आज सरयांज पंचायत के पट्टा में श्री मद्भागवत कथा के दूसरे दिन प्रवचन के दौरान कथा वाचक व्यास राज कुमार रसिक जी महाराज ने कही ।
व्यास राज कुमार रसिक ने श्रोताओ को बताया कि कलियुग का प्रभाव पांच तत्वो व कृत्यो से व्यक्ति पर प्रभावी होता है । उन्होने श्रोताओ को बताया कि राजा परिक्षित ने एक दिन सोने का मुकुट लगाया और उन पर कलियुग का प्रभाव हो गया जिस कारण वह जंगल में जा कर आखेट करने निकल गए और आखेट से पहले वहां एक साधू के साधना के दौरान उन्होने एक मरे हुए सांप को उनके गले में डाल दिया जिस पर उनके शिष्यो ने राजा को श्राप दे दिया कि यह मरा हुआ सॉप ही तक्षक के रूप में जीवित हो कर सात दिनो में डस लेगा और राजा की मृत्यु हो जाएगी ।
राजा परिक्षित ने जैसे ही घर वापिस आ कर सोने का मुकुट सिर से उतारा तो उन्हे अपनी गल्ती का एहसास हो गया और वह अपने कृत्य के लिए पश्चाताप करने के लिए निकल पडे जिस पर उन्हे मोक्ष प्राप्त हुआ लेकिन उन्हे कलियुग के प्रभाव से पीडित होना पडा ।
उन्होने श्रोताओ से धर्मप्रायणता के लिए प्रेरित किया और कहा कि वह ब्राहणो की सेवा करे और सनातन की रक्षा के लिए आगे आए ।
उन्होने बताया कि आज का पूजा तथा भण्डारे का आयोजन डाक्टर कौण्डल तथा परिजनो के सौजन्य से किया गया है । व्यास ने अपने प्रवचन के दौरान डा कौण्डल को सम्बोधित करते हुए कथा का सही तरीके से अमल करने के लिए भी सलाह दी ।
याद रहे कि पट्टा में सात अगस्त से 12 अगस्त तक सरादेवी मन्दिर परिसर में श्री मद्भागवत कथा का आयोजन चल रहा है जिस में व्यास राज कुमार रसिक जी महाराज अपने कंठ से प्रवचन सुना कर यहां आए श्रघ्दालुओ को मन्त्रमुग्ध कर रहे है । इस मद्भागवत कथा का आयोजन बाबा नारायण पुरी तथा समस्त ग्रामवासी कर रहे है ।
इस दौरान सैकडो ग्राम वासियांे ने श्री मद्भागवत कथा का आन्नद लिया और इस अवसर माता सरादेई के पास पूजा अर्चना की गई तथा भण्डारे का भी आयोजन किया गया जिस में सैकडो लोगो प्रसाद गहण किया ।