/स्‍नातकोत्तर चिकित्‍सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्‍थान, चण्‍डीगढ़ में हिंदी दिवस का आयोजन ।

स्‍नातकोत्तर चिकित्‍सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्‍थान, चण्‍डीगढ़ में हिंदी दिवस का आयोजन ।

, चण्‍डीगढ़ 17 सितम्बर,
हिम नयन न्यूज/ ब्यूरो /वर्मा

प्रो. विवेक लाल, निदेशक, स्‍नातकोत्तर चिकित्‍सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्‍थान, चण्‍डीगढ़ की अध्‍यक्षता में आज 17 सितम्‍बर, को हिंदी दिवस का आयोजन किया गया।

प्रो. विवेक लाल, निदेशक ने इस अवसर पर संस्थान के डॉ. तुलसीदास पुस्तकालय में हिंदी एवं क्षेत्रीय भाषाओं के लिए पुस्तकालय कक्ष, प्रेरणा स्थल, संकाय अध्ययन कक्ष और हिंदी पुस्तक प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के साथ संस्थान के कार्मिकों के नाम हिंदी दिवस पर संदेश जारी किया। उन्होंने इस अवसर पर पुस्तकालय के प्रयोग से जुड़ी उपयोगकर्त्ता गाइड और नियम पुस्तिका का विमोचन भी किया।

प्रो. विवेक लाल ने हिंदी दिवस के शुभ अवसर पर संस्‍थान के कार्मिकों के नाम संदेश जारी करते हुए कहा कि राजभाषा हिंदी देश के लोगों को एक सूत्र में पिरोने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

चिकित्‍सा संस्‍थान में कार्य करने के नाते हमारी हिन्‍दी में काम करने के प्रति जिम्‍मेदा‍री और भी अधिक बढ़ जाती है, क्‍योंकि हमारा सीधा सम्‍पर्क आम लोगों, जो इलाज करवाने के लिए हमारे संस्‍थान में आते हैं तथा रोग से भयभीत होते हैं, के साथ होता है। यदि हम उनसे आम बोलचाल की भाषा में बात कर उन्‍हें उनके रोग के बारे में समझाते हैं तो उनका तनाव काफी हद तक कम हो जाता है।

यही नहीं, संस्‍थान का कामकाज जितना हम हिन्‍दी में करेंगे, उतनी ही हमारी परेशानी कम होगी और जनता एवं प्रशासन के बीच की दूरी उतनी ही घटेगी। उन्होंने यह भी कहा कि संस्थान में राजभाषा का प्रचार-प्रसार प्रेरणा, प्रोत्साहन और सद्भावना से किया जा रहा है। यह हम सब का संवैधानिक दायित्‍व व जिम्‍मेदा‍री है कि हम सभी राजभाषा अधिनियमों, नियमों तथा इनके संबंध में समय-समय पर लिए गए निर्णयों का समुचित रूप से अनुपालन सुनिश्चित करें।

उन्‍होंने अपने संदेश में यह भी कहा कि हम अपने संस्‍थान को राष्‍ट्रीय गरिमा के अनुरूप विकास की ओर अग्रसर करने हेतु राजभाषा हिंदी को नए युग की अपेक्षताओं और आयुर्विज्ञान व सूचना क्रान्ति के क्षेत्र में हो रहे नित नए अनुसंधानों के अनुसार ढालने में प्रयत्‍नशील हैं। मुझे पूरा विश्‍वास है कि हम सब मिलकर इस दायित्‍व का निर्वाह करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

उन्होंने इस अवसर पर प्रो. सुरेन्द्र राणा, प्रभारी आचार्य, डॉ. तुलसीदास पुस्तकालय की संस्थान के पुस्तकालय में हिंदी व क्षेत्रीय भाषा की पुस्तकों के लिए कमरा, प्रेरणा स्थल और संकाय अध्ययन कक्ष स्थापित करने तथा बेहतरीन हिंदी की पुस्तकें खरीदने के लिए प्रशंसा की।


प्रो. संजय भदादा, नोडल अधिकारी (राजभाषा) ने उपस्थित सदस्‍यों एवं अधिकारियों को राजभाषा प्रतिज्ञा अर्थात् भारतीय संविधान के अनुच्‍छेद 343 और 351 तथा राजभाषा संकल्‍प 1968 के आलोक में हम, केंद्र सरकार के कार्मिक यह प्रतिज्ञा करते हैं कि अपने उदाहरणमय नेतृत्‍व और निरंतर निगरानी से; अपनी प्रतिबद्धता और प्रयासों से; प्रशिक्षण और प्राइज़ से अपने साथियों में राजभाषा प्रेम की ज्‍योति जलाये रखेंगे, उन्‍हें प्रेरित और प्रोत्‍साहित करेंगे; अपने अधीनस्‍थ के हितों का ध्‍यान रखते हुए; अपने प्रबंधन को और अधिक कुशल और प्रभावशाली बनाते हुए राजभाषा हिंदी का प्रयोग, प्रचार और प्रसार बढ़ाएंगे।

हम राजभाषा के संवर्द्धन के प्रति सदैव ऊर्जावान और निरंतर प्रयासरत रहेंगे, दिलवाई। उन्‍होंने बताया कि संस्‍थान में हिंदी पखवाड़े के दौरान हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए विभिन्‍न हिंदी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है। उन्‍होंने इन प्रतियोगिताओं में संस्‍थान के विभागाध्‍यक्षों को स्‍वयं भाग लेने और उनके मातहत कार्य करने वाले सभी कार्मिकों को भाग लेने के लिए अनुरोध किया।