बनखंडी चिड़ियाघर में पशु बड़े स्थापित करने के लिए सी.जेड.ए से मिली मंजूरी
शिमला 30 अक्तूबर,
हिम नयन न्यूज/ ब्यूरो /वर्मा
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि कांगड़ा जिले के देहरा विधानसभा क्षेत्र में बनखंडी में बनने वाला ‘दुर्गेश अरण्य प्राणी उद्यान’ भारत का पहला चिड़ियाघर होगा जिसे सतत् और पर्यावरण अनुकूल नवाचार के लिए इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) से प्रमाणन प्राप्त होगा। इस परियोजना को आधिकारिक तौर पर आईजीबीसी के साथ पंजीकृत किया गया है।
प्राणी उद्यान में पर्यावरणीय मानकों की अनुपालना करते हुए भवन और परिदृष्य प्रमाणन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पर्यावरण संरक्षण और पारिस्थितिक तंत्र के संतुलन को ध्यान में रखते हुए विकास कर रही हैं और आईजीबीसी प्रमाणन प्रक्रिया प्रदेश सरकार की इस प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।
यह प्रमाणन पर्यटन और बुनियादी अधोसंरचना के विकास में पर्यावरण संरक्षण को एकीकृत करने की राज्य सरकार की प्राथमिकता को प्रदर्शित करता है। दुर्गेश अरण्य पार्क पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनने के साथ-साथ यह पार्क संरक्षण और नवाचार की बेजोड़ कृति साबित होगा।
सुक्खू ने कहा कि ‘दुर्गेश अरण्य प्राणी उद्यान’ परियोजना का पहला चरण लगभग 230 करोड़ रुपये की लागत से 25 हेक्टेयर भूमि में स्थापित किया जा रहा है। जिसके वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही तक पूरा होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि 619 करोड़ रुपये के लागत से निर्मित होने वाला प्राणी उद्यान पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों के आकर्षण का मुख्य केंद्र बनेगा और इससे क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
पहले चरण के अंतर्गत जैव विविधता सुनिश्चित करते हुए 34 पशुओं के बेड़े बनाए जाएंगे जिसके लिए प्रदेश सरकार को कंेद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण से स्वीकृति प्राप्त हुई है। इसके तहत एशियाई शेर, हॉग डियर, मॉनिटर छिपकली, मगरमच्छ, घड़ियाल और विभिन्न पक्षियों की प्रजातियों सहित 73 प्रजातियों को प्रदर्शित किया जाएगा।
चिड़ियाघर में एक नॉक्टर्नल हाउस बनाया जाएगा जिसमें बिल्लियों की प्रजातियों को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके अलावा, चिड़ियाघर में एक वेटलैंड एवियरी में स्वदेशी प्रजातियों के पक्षियों को प्रदर्शित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला कांगड़ा में स्थापित हो रहे दुर्गेश अरण्य प्राणी उद्यान से क्षेत्र में पर्यटन को नए पंख लगेंगे और युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। जिला कांगड़ा की अद्वितीय सुंदरता और प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित की जा रही पर्यावरणीय अनुकूल अधोसंरचना से कांगड़ा जिला पर्यटन का प्रमुख केंद्र बन कर उभर रहा है।
यह नवीन प्रयास राज्य सरकार की इको-टूरिज्म और सतत् विकास को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है, जिससे कांगड़ा राज्य की ‘पर्यटन राजधानी’ के रूप में स्थापित हो रहा है।