मुख्य मन्त्री को विवेकशील तरीके से स्वयम् संज्ञान लेने की आवश्यकता ।
शिमला 8 नवम्बर,
हिम नयन न्यूज /ब्यूरो /वर्मा
हिमाचल प्रदेश में सरकारी समोसा खाने वाले लोगो पर सरकार विरोधी कृत्य का आरोप लगने के बाद पूरे देश में इस विषय पर चर्चा का दौर शुरू हो गया है ।
हिमाचल प्रदेश में भी देश भर में मनाए जाने वाले दीपावली पर्व के अवसर पर मिठाईयां तथा उपहार बन्टे और बन्टते रहते है लेकिन इस दौरान सरकार के समौसे खाने वाले सरकारी कर्मचारियो व अधिकारियो को सरकार विरोघी कृत्य के लिए सजा दिए जाने पर हो रहे विचार के लिए प्रदेश की पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है ।
मुख्य मन्त्री के किसी कार्यक्रम के लिए आ रही तीन पेटी समौसे व केक को जाने अनजाने में स्कयोरिटी स्टाफ द्वारा खा जाना एक बडा अपराध की श्रेणी में लाना और इस के लिए राज्य स्तरीय जांच करवाना अपने आप में एक हास्यपद वाक्य बताया जा रहा है ।
याद रहे कि प्रदेश सरकार आए दिन पर्यटन निगम से प्रदेश में होने वाले समारोह व अन्य कार्यक्रमो में पकवानो व अन्य पदार्थो के उपर खर्च करती ही रहती है । सरकार के समौसे सरकारी कमचारियो द्वारा खा भी लिए गए तो इस के लिए गुप चुप तरीके से कर्मचारियो से पैसे काट लेते अथवा उन्हे भविष्य में एैसा न करने की हिदायत जारी कर देते ।
लेकिन सरकार के सलाहकार इस मामले को इतना तूल किसी राजनैतिक लाभ के लिए दे रहे है जिस से किसी अधिकारी विशेष को तारगेट किया जा सके दिलवा रहे है यह हिमाचल जैसे प्रदेश के लिए अपने आप में एक मिशाल बन कर रह गया है ।
भाजपा के नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर से ले कर अन्य पार्टी नेता तो इस बात को भूनाने ही लगे है परन्तु ह अपने आप में हिमाचल जैसे प्रदेश के लिए एक रोचक मामला बन गया है ।
याद रहे कि हिमाचल प्रदेश के मुख्य मन्त्री हिमाचल के किसान परिवार से सम्बन्ध रखते है जहां बचपन से अन्न दान की शिक्षा दी जाती है लेकिन सता में बैठने के बाद समौसो को ले कर इतना बढा मुद्दा बनाना अपने आप में एक पहेली बन कर रह गया है ।
इस बारे में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने तंज कसते हुए कहा कि एक समोसा सरकार विरोधी कृत्य कैसे हो गयाघ् समोसा तो विपक्ष के लोगों ने खाया नहीं।सरकार की पूरी मशीनरी समोसा खाने वाले का पता लगाने में लग गई है।
इस मामले में राजनीति अपनी जगह है लेकिन वास्तविकता से देखा जाए तो एक समौसे को इस तरह से तूल देना सरकार को कही कलंकित करने की चाल न हो इस बात का मुख्य मन्त्री को स्वयं संज्ञान लेना चाहिए ।