नालागढ 13 दिसम्बर,
हिम नयन न्यूज /ब्यूरो/ वर्मा
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल द्वारा खेडा स्थित दवाई बनाने वाली कम्पनी सैंटिस फार्मा का दौरा आखरी क्षण में रद्द करने पर उद्योग जगत में चर्चा का विषय बना हुआ है । मिली जानकारी के मुताबिक नालागढ के खेडा में दवाई बनाने वाली एक कम्पनी सैटिस फार्मा पर पर्यावरण को खराब करने आरोप लगने के चलते राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कम्पनी बिजीट के लिए रखे अपने दौरे को रद्द कर दिया ।
सरकारी टूर प्रोग्राम के अनुसार राज्यपाल का दौरा सैटिस फार्मा नामक कम्पनी के निरीक्षण करने का बना था जो मीडिया में भी प्रकाशित हुआ लेकिन नालागढ पहुचने पर इस कम्पनी के कथित पर्यावरण विरोधाी होने का मामला सामने आने से राज्यपाल ने अपने इस बिजीट को रद्द कर दिया । कम्पनी में स्वागत के लिए कई दिनो से की जा रही तैयारियां धरी की धरी रह गई ।

सूत्रो की माने तो सैटिंस फार्मा में कुछ प्रबन्धको के कारण इस की बदनामी होने लगी है । जिस का असर आगे कम्पनी के उपर दिखने के आसार नजर आ रहे है । करोडो रूपए का कारोबार करने वाली दवाईयो की निर्माता कम्पनी इलाके में पर्यावरण के बिगडते संतुलन के लिए कथित रूप से दोषी बताई जा रही है लेकिन कम्पनी के कुछ प्रबन्धक अपने दबन्ग रवैये के चलते इस कम्पनी की इमेज को खराब करने लगे है ।
याद रहे कि गत दिनो गन्दे पानी की निकासी को लेकर चले विवाद में कम्पनी की दबन्गाई काफी चर्चा में चल रही है । प्रबन्धक अपने रवैये के कारण बडे नुकसान करवाने के चक्र में लग रहे है । स्थिति जो भी हो लेकिन आज राज्यपाल का दौरा कुछ धण्टे पहले रदद होना कम्पनी के रवैये को दर्शाता है ।
कानून की लर्डाइै में उण्ट किस कदर बैठता है वह दीगर बात है लेकिन कम्पनी के कारोबार पर इस का विपरीत असर अवश्य पडेगा ।बताया जा रहा है कि कम्पनी का प्रबन्धक मण्डल कम्पनी के पिछले मालिक के समय से कम्पनी में काम कर रहा है जो इसे बेच कर चला गया अब हालात यही रहे तो यह मालिक भी इस कम्पनी को आगे बेचने के लिए मजबूर हो सकता है ।
मालिक बदलते रहेगे लेकिन प्रबन्धक नही बदलेगे तो इस का खमियाजा कभी पूरी कम्पनी को भी भुगतना पड सकता है ।
आज कम्पनी में राज्यपाल का निर्धारित दौरा रद्द होना पूरे उधोग जगत में चर्चा का विषय बना हुआ है ।