जनहित याचिका पर हाई कोर्ट द्वारा मामले की अगली सुनवाई 4 जनवरी को तय
शिमला 28 दिसम्बर,
हिम नयन न्यूज /ब्यूरो /नयना वर्मा

हिमाचल के औधोगिक नगरी बद्दी के जिला मुख्यालय की युवा तेज तरार एस पी इल्मा अफरोज के प्रति इस क्षेत्र के लोगो का प्रेम कम नही हो रहा है ।
पिछले लम्बे समय से युवा आईपीएस इल्मा अफरोज बद्दी में अपने सख्त रवैये के चलते यहां के राजनेताओ की आंख का कांटा बनी हुई है लेकिन यहां की आम जनता इल्मा अफरोज को बद्दी में तैनात करवाने के लिए आज भी जद्दोजहद कर रहे है ।
याद रहे कि युवा आईपीएस अधिकारी इल्मा अफरोज के खिलाफ स्थानीय विधायक ने विधान सभा में अपने अधिकार क्षेत्र में दखलदाजी की शिकायत की है । विधायक व आईपीएस अधिकारी के बीच चल रहे अर्न्तद्वन्द के चलते आईपीएस अधीकारी अचानक अपना आवास खाली करके छुटटी पर चली गई थी और घर से छुटटी को बढाते रहने के बाद अब विभाग के अधिकारियो के साथ बात करने के बाद 16 दिसम्बर को शिमला में पुलिस मुख्यालय पर अपनी डियुटी ज्वाईन कर ली ।
राज्य सरकार द्वारा आईपीएस अधिकारी इल्मा अफ़रोज़ को शिमला पुलिस मुख्यालय में तैनाती दिए जाने के बाद बद्दी क्षेत्र के लोग उनकी वापसी की मांग कर रहे हैं । इल्मा अफरोज के पुलिस मुख्याल्य पर इस तैनाती को लेकर बद्दी के लोगो द्वारा रोष व्यक्त किया जा रहा है । इसके साथ ही हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर करके आई पी एस अधिकारी इल्मा अफरोज को बद्दी में लगाने के लिए न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया है । हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने इल्मा अफरोज की तैनाती के लिए दायर जन हित याचिका पर सख्त रुख अपनाया है।

जानकारी के मुताबिक हिमाचल हाईकोर्ट की खंडपीठ, जिसमें न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश राकेश कैंथला शामिल थे, इस मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद सरकार को नोटिस जारी करके सूचा सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए गृह सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है
हाई कोर्ट ने जन हित यायका दायर करने वाले सूचा सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए गृह सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 4 जनवरी को तय की है।
याचिकाकर्ता सूचा सिंह ने अदालत से मांग की कि इल्मा अफ़रोज़ को बीबीएन(बद्दी, बरोटीवाला और नालागढ़) में तैनात किया जाए, ताकि वहां की जनता को कानून की सुरक्षा मिल सके और क्षेत्र में ड्रग माफियाओं और खनन माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।
सूचा सिंह के वकील ने तर्क दिया कि जब से इल्मा अफ़रोज़ को बद्दी क्षेत्र में एसपी के रूप में तैनात किया गया थाए, तब से उन्होंने वहां कानून व्यवस्था स्थापित की थी और एनजीटी तथा हाई कोर्ट के आदेशों का पालन किया था।