/किसानों की जायज मांगों को पूरा करके पंजाब को बर्बादी से तुरंत बचाने की आवश्यकता – पंछी

किसानों की जायज मांगों को पूरा करके पंजाब को बर्बादी से तुरंत बचाने की आवश्यकता – पंछी

पंजाब (कपूरथला), 28 दिसम्बर
हिम नयन न्यूज /ब्यूरो/ नयना वर्मा

श्री हरिनाम जिसके प्रचार मंडल, मंदिर जानकी दास के संस्थापक और विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व अध्यक्ष नरिन्दर प्रसाद पंछी ने कैनेडा से बातचीत के द्वारा भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान से मांग की है कि किसानों के साथ बातचीत करके उनकी जायज मांगों को मंजूर कर लेना चाहिए ताकि 1 वर्ष से किसानों की ओर से पंजाब हरियाणा के शंभु बार्डर पर लगाए धरने के कारण रोजाना हजारों लोगों और व्यापारियों को पेश आ रही मुश्किलों से छुटकारा दिलाने के साथ साथ तेजी से बर्बादी की ओर बढ़ रही पंजाब और पंजाबियों की आर्थिक स्थिति को संभाला जा सके।

नरिन्दर प्रसाद पंछी ने बताया कि दिल्ली की और से पंजाब को आने वाली टैक्सियों के किराए और व्यापारियों का सामान लेकर जाने वाले ट्रकों के किराए में 30 से 50 प्रतिशत तक इजाफा ही चुका है, जिस कारण पंजाब में तैयार होने वाले महंगे सामान की राष्ट्रीय और अंतर राष्ट्रीय ब्रिकी में भारी मुश्किलें पैदा हो रही हैं।

इस संबंध में सरकारों और किसानों को बड़ी गंभीरता से सोचना चाहिए। पिछले वर्ष किसानों की और से रेल रोकने के कारण आम लोगों की हुई बड़ी परेशानियों के साथ-साथ पंजाब के गोदामों में से पुराना चावल अन्य राज्यों में नहीं भेजा जा सका। हम सभी को इन बातों, लोगों की मुश्किलों और पंजाब के व्यापार उद्योगों के बड़े नुक्सान संबंधी बेहद गंभीरता से सोचना चाहिए।

नरिन्दर प्रसाद पंछी ने बताया कि भारत के प्रधानमंत्री नरिन्दर मोदी ने 2021 में 3 कृषि कानून वापिस लेते समय किसानों के साथ जो वायदे किए थे उन सभी को पूरा कर देना चाहिए था ताकि उन पुराने मुद्दों को लेकर किसानों को दोबारा धरने लगाने की जरूरत नहीं पड़ती। भारत की सरकार को अब भी इस संबंध में समय निकाल कर विचार कर लेना चाहिए।

इसके अलावा नरिन्दर पंछी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान से मांग की कि उन्होंने ने भी फरवरी 2022 की चुनावों से पहले किसानों के साथ जो बड़े-बड़े वायदे किए थे उन पर भी दोवारा विचार करना चाहिए। धार्मिक नेता नरिन्दर प्रसाद पंछी ने किसानों से भी मांग की है कि उनको अनाज पैदा करने वालों के साथ-साथ व्यापारिक पक्ष को भी अपनाना चाहिए।

उन्होंने किसानों को कैमिकलों और खाद वाली जानलेवा व घातक कृषि के स्थान पर दोगुणी कीमत वाली जैविक कृषि की ओर ध्यान देना चाहिए ताकि अधिक लाभ लेकर रोजाना के इन धरनों से बचा जा सके।