/भागवत कथा के तृतीय दिवस – महामंडलेश्वर स्वामी हरि चेतनानंद ने कहा सत्संग से श्रद्धा ,रति और भक्ति से आती है विरक्ति ।

भागवत कथा के तृतीय दिवस – महामंडलेश्वर स्वामी हरि चेतनानंद ने कहा सत्संग से श्रद्धा ,रति और भक्ति से आती है विरक्ति ।


नालागढ 28 फरवरी,
हिम नयन न्यूज /ब्यूरो/ वर्मा

भागवत कथा के तृतीय दिवस में राम शहर में महामंडलेश्वर स्वामी हरि चेतनानंद ने कहा सत्संग से श्रद्धा रति और भक्ति आती है फिर संसार से विरक्ति हो जाती है।

श्रीमद् भागवत कथा श्रवण के समान और कोई तब नहीं है कथा में बैठते ही मन केंद्रित हो जाता है संसार से हटकर भगवान में लग जाता है जो सदा भगवान की लीला कथाओं को श्रवण करते हैं भगवान उनकी व्यथा को एक ने एक दिन सुनते हैं ध्रुव चरित्र श्रवण करते हुए स्वामी जी ने कहा परमात्मा से मिलने की व्याकुलता भित और जाग जाए तो पलक झपकने में देर लग सकती है पर प्रभु के आने में मिलने में देर नहीं लगती यदि आपके जीवन में दृढ़ विश्वास है और पुरुषार्थ है तो सफलता आपके चरणों को चूमती है जरूरी ने ध्रुव ध्रुव भक्त ने कठोर तप किया भगवान आकर ध्रुव को दर्शन देते हैं।

अजामिल चरित्र नरसिंह अवतार की कथा हमें यह प्रेरणा देती है कि भगवान पर भरोसा करो जो भगवान पर भरोसा करते हैं भगवान उनकी उनकी नैया पार लगाते हैं हिरण्यकश्यप की तपस्या का उद्देश्य गलत था इसलिए उसका पतन हुआ आज शीतला माता मंदिर में नरसिंह भगवान की भव्य झांकी का दर्शन भक्तों ने किया नरसिंह भगवान की आरती उतारी 1 मार्च को नंद महोत्सव मनाया जाएगा।