हिम परिवेश पर्यावरण संरक्षण संस्था ने बुलाई आपातकालीन बैठक ।
नालागढ 09 अगस्त,
हिम नयन न्यूज /ब्यूरो/ वर्मा
हिमाचल सरकार द्वारा माईनिंग के लिए नियमो में संशोधन का विरोघ शुरू हो गया है याद रहे कि हिमाचल सरकार ने गत दिवस मन्त्रीमण्डल की बैठक में खनन नियमो में छूट दे कर पर्यावरण के लिए खतरे को और बढा दिया है इस बारे में हिम परिवेश पर्यावरण संरक्षण संस्था ने आपातकालीन बैठक बुलाई।
हिम परिवेश पर्यावरण संरक्षण संस्था की यह आपातकालीन बैठक लक्ष्मी सिंह ठाकुर के अध्यक्षता में नालागढ़ में आयोजित की गई ।
मिली जानकारी के मुताबिक बैठक में हिमाचल सरकार द्वारा 8 अगस्त 2024 को हुई कैबिनेट बैठक में हिमाचल प्रदेश माइनर मिनिरल्स कंसेशन एंड मिनरल्स प्रिवेंशन ऑफ़ इलीगल माइनिंग ट्रांसपोर्टेशन एंड स्टोरेज रूल्स 2015 में प्रस्तावित संशोधन जिसमें नदी किनारो में 1 मीटर से 2 मीटर तक खनन करने की अनुमति व खनन के लिए मशीनरी के प्रयोग की अनुमति देने का पुरजोर विरोध करती है।
बैठक में निर्णय लिया गया कि हर मानसून के बाद कृषि क्षेत्र में 2 मीटर की गहराई तक रेत बजरी निकालने की अनुमति का प्रावधान भी पर्यावरण के लिए हानिकारक सिद्ध होगा। राज्य सरकार का खनन के लिए प्रस्तावित संशोधन हिमाचल प्रदेश के पर्यावरण के साथ-साथ लोगों की उपजाऊ भूमि को भी भारी नुकसान पहुंच जाएगा।
संस्था को लगता है कि हिमाचल सरकार ने पिछले वर्ष हुई आपदा से कोई सबक नहीं सीखा है नालागढ़ क्षेत्र में अवैध खनन के कारण कई पुलों को भी नुकसान उठाना पड़ा है। इसके अलावा आईपीएच की स्कीमों को भी इससे काफी नुकसान उठाना पड़ा है ।
हिम परिवेश संस्था प्रदेश सरकार से अवैध खनन पर रोक लगाने एवं प्रस्तावित संशोधन को शीघ्र वापस लेने की मांग करती है अगर सरकार ने इन संशोधनों को वापस ना लिया तो प्रदेश भर में अन्य पर्यावरण समर्थक संस्थाओं के साथ मिलकर जन आंदोलन शुरू किया जाएगा।
बैठक में कानूनी सलाहकार नरेश गई, कोषाध्यक्ष गुरदयाल सिंह, सहसचिव बावा हरदीप सिंह, वरिष्ठ सदस्य धनीराम, ओमप्रकाश एवम बालकिशन शर्मा आदि बैठक में उपस्थित रहे।