बीबीएनआईई द्वारा प्रैस वार्ता बुला कर सरकार से सब्सिडी वापिस न लेने की की गई मांग ।
नालागढ (बद्दी ) 26 अगस्त.
हिम नयन न्यूज/ ब्यूरो/ वर्मा
हिमाचल के उद्योगों को हिमाचल सरकार द्वारा दी जा रही बिजली की सब्सिडी को समाप्त करने की घोषणा से बद्दी बरोटीवाला नालागढ़ के उद्योगपतियों में खलबली मच गई है । याद रहे कि औधोगिक नगरी बीबीएन से बहुत से छोट्टे उद्योग पलायन करने लगे है , और उधोगो के प्रति सरकार के नकारात्मक रवैये से हिमाचल से स्थापित कई अन्य उद्योग भी पलायन कर सकते है इस बात से इन्कार नही किया जा सकता है ।
औद्योगिक नगरी बी बी एन के उद्योगपति संगठन ने आज इस बारे में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया
प्रैस को सम्बोधित करते हुए बीबीएनआईए के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा नए टैरिफ की घोषणा के समय वर्ष 2024 . 25 के लिए एचपी राज्य बिजली बोर्ड को सब्सिडी के माध्यम से ₹1 की इस वृद्धि को अवशोषित करने के लिए नियामक आयोग को लिखित रूप से प्रतिबंध किया था और इसका स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था कि उधोगो को
एक रूपए का नुकसान से बचाने के लिए सरकार ने यह निर्णय लिया है । उन्होने ने बताया कि हाल 21 अगस्त को प्रेस में प्रकाशित अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य सरकार में होटल और अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के लिए सब्सिडी वापस लेने का फैसला किया है जबकि उद्योग के लिए अंतिम निर्णय 2 सितंबर 2024 को माननीय मुख्यमंत्री और मान्य उद्योग मंत्री की बैठक में किया जाना संभावित है।
प्रेस वार्ता के दौरान राजेन्द्र गुलेरिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में उद्योग पहले से ही एजीट सीजीसीआर जैसे अतिरिक्त करो के वसूले जाने से तथा गुटबंदी के कारण मंहगी परिवहन लागत और मैनपावर की उच्च लागत के कारण अस्तित्व के कठिन दौर से गुजर रहा है और यदि सरकार द्वारा बिजली की दरो पर सब्सिडी भी वापस ले ली जाती है तो यह पहले से ही संकट में जूझ रहे उद्योगों के लिए अस्तित्व बचा पाना कठिन होगा।
प्रेस को संबोधित करते हुए बीबीएनके अध्यक्ष राजीव अग्रवाल ने कहा कि उद्योग ने पहले ही पड़ोसी राज्यों की ओर पलायन करना शुरू कर दिया है क्योंकि वह अपने राज्यों में निवेश के लिए बिना किसी अतिरिक्त कर के और परिवहन के गुटबंदी के बहुत आकर्षक प्रोत्साहन की पेशकश कर रहे हैं । उन्होने बताया कि बिजली की इस एक रूपए की सब्सिडी की वापसी से उद्योग पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा और अपने अस्तित्व के लिए राज्य से प्लान तेज हो जाएगा ।
उन्होने कहा कि हम दोहराना चाहेंगे कि हिमाचल में उद्योग 7 लाख से अधिक लोगों को सीधे रोजगार देते हैं और परिवहन के लिए 30000 से अधिक परिवार वाहन स्थानीय निवासियों के स्वामित्व वाले को सामग्री प्रदान करते हैं और भुगतान के अलावा एचपी राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड द्वारा बेची गई कुल बिजली का 60फीसदी उपभोग करते हैं इसलिए हम राज्य सरकार से अपील करते हैं कि इन आर्थिक गतिविधियों को बनाए रखने और आगे बढ़ानेऔर सरकारी प्रतिबद्धता की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए राज्य में उद्योगों से बिजली सब्सिडी वापस लेने के कर्म को देखें और सरकार को एचपी राज्य बिजली बोर्ड को एक सच्चा पानी राज्य संगठन बनाने के लिए अपनी कर्मचारी लागत को तर्क सुंदर बनाकर काम करना चाहिए क्योंकि कल अर्जित राजस्व का लगभग 33 प्रतिशत है जबकि उत्तराखंड में यहां लगभग छह प्रतिशत और पंजाब में 15 प्रतिशत है जो हिमाचल में देश में सबसे अधिक है
इस मौके पर संरक्षक राजेंद्र गुलेरियाए वरिष्ठ उपप्रधान अनुराग पुरी, सलाहकार ,शैलेष अग्रवाल, महासचिव वाई
एस गुलेरिया, मुकेश जैन,अशोक कुमार,रामगोपाल अग्रवाल, प्रदीप शर्मा,दिनेश जैन,वीरेंद्र बंसल आदि मौजूद रहे ।