/जिस वीडियो को देख चिन्मय प्रभु पर लगा देशद्रोह, अब उसकी सच्चाई पर घिरी बांग्लादेश सरकार

जिस वीडियो को देख चिन्मय प्रभु पर लगा देशद्रोह, अब उसकी सच्चाई पर घिरी बांग्लादेश सरकार


दिल्ली 29 नवम्बर,
हिम नयन न्यूज/ ब्यूरो /वर्मा

बांग्‍लादेश में हिंदुओं की हत्‍याओं और साधु चिन्‍मय प्रभु की गिरफ्तारी के विरोध में दुनिया भर से आवाजें उठ रही हैं. ब्रिटेन की संसद हो या अमेरिका के संगठन सभी जगहों पर अल्‍पसंख्‍यकों पर हो रहे अत्‍याचारों को तुरंत रोकने की मांग हो रही है.

मिली जानकारी के मुताबिक बांग्‍लादेश में हिंदुओं पर अत्‍याचार चरम पर हैं. यहां घर में घुसकर हिंदुओं की हत्‍या की जा रही है. गर्भवती महिलाओं तक को नहीं बख्‍शा जा रहा है. मंदिरों को तोड़ा जा रहा है, इस्‍कॉन के सेंटर बंद किए जा रहे हैं. हिंदुओं पर हो रहे इन अत्‍याचारों के विरोध में पूरी दुनिया से आवाजें उठ रही हैं. विभिन्‍न देशों में हिंदू संगठन, मानवाधिकार संगठन, वैश्विक नेता हिंदुओं के समर्थन में आवाज उठा रहे हैं और अपने-अपने स्‍तर पर बांग्‍लादेश की बर्बरता रोकने की मांग कर रहे है. इतना ही बांग्‍लादेश पर कई तरह के प्रतिबंध लगाने की मांग की जा रही है. इसी बीच बांग्‍लादेश के एक पत्रकार ने एक वीडियो पोस्‍ट किया है, जिससे साबित होता है कि चिन्‍मय प्रभु पर लगे आरोप सरासर झूठे हैं.

वो बांग्‍लादेश का झंडा ही नहीं है

सलाह उद्दीन शोएब चौधरी नाम के एक पाकिस्‍तानी पत्रकार ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म X पर एक वीडियो पोस्‍ट किया है. जिससे साफ होता है कि इस्‍कॉन के पुजारी चिन्‍मय कृष्‍ण दास ने बांग्‍लादेशी झंडे का अपमान नहीं किया है. इससे उन पर देशद्रोह का आरोप लगने का सवाल ही नहीं उठता है.

इस वीडियो में दिख रहा झंडा टेक्निकल तौर पर बांग्‍लादेश का झंडा नहीं है क्‍योंकि उसमें झंडे के चारों कोनो पर चांद-तारे का निशान बना हुआ है. जबकि बांग्‍लादेश के झंडे में चांद-तारे नहीं होते हैं. यह केवल हरे रंग का झंडा होता है जिसके बीच में लाल गोला बना होता है.

झंडा बनाने वाले को पकड़ो

वीडियो में यह भी कहा है कि यदि बांग्‍लादेश इसे अपने झंडे के अपमान का मामला मानता है तो उसे पहले उन लोगों को पकड़ना चाहिए, जिसने बांग्‍लादेश के झंडे के साथ छेड़छाड़ की.

जबकि बांग्‍लादेश पुलिस ने चिन्‍मय प्रभु को इस आरोप में गिरफ्तार किया है कि उनकी मौजूदगी में बांग्‍लादेश के झंडे के ऊपर भगवा झंडा लगाया गया, जो कि देशद्रोह का मामला है. इस मामले में चिन्‍मय प्रभु गिरफ्तार हैं और उसके विरोध में हिंदू सड़कों पर उतर रहे हैं. जिन पर बांग्‍लादेश के कट्टरपंथी संगठन हमले कर रहे हैं.

ब्रिटेन से अमेरिका तक उठी आवाज

इस बीच दुनिया के विभिन्‍न देशों में हिंदुओं पर हो रहे अत्‍याचारों को लेकर बांग्‍लादेश की भारी आलोचना हो रही है. ब्रिटेन की संसद में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों और इस्कॉन को प्रतिबंधित किए जाने की मांग को लेकर भी सवाल हुए. कंजर्वेटिव सांसद बॉब ब्लैकमैन ने संसद में कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के घरों और मंदिरों पर हो रहे हमलों को रोकने के लिए वहां की अंतरिम सरकार कुछ नहीं कर रही है. ऐसे में ब्रिटेन की जिम्मेदारी बनती है कि वह वहां रहे अल्‍पसंख्‍यकों की धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करे. इस पर ब्रिटिश उप विदेश मंत्री ने कहा है कि वह इस मुद्दे पर करीबी निगाह बनाई हुई हैं.

वहीं अमेरिका में करीब आधा दर्जन से ज्‍यादा हिंदू अमेरिकी समूहों ने मांग की है कि अमेरिका को बांग्‍लादेश को इसी शर्त पर सहायता देनी चाहिए कि वहां की सरकार अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा के लिए ठोस कार्रवाई करे. इन संगठनों ने मौजूदा बाइडेन प्रशासन और आने वाले ट्रंप प्रशासन दोनों से ही मसले को तुरंत सुलझाने व बांग्‍लादेश पर दबाव बनाने की मांग की है.