विमल नेगी के केस में सरकार और एस पी शिमला कटघरे में
शिमला 30 मई
हिम नयन न्यूज ब्यूरो वर्मा।
भाजपा नेता सुधीर शर्मा ने विमल नेगी की जांच सीबीआई को जाने के बाद,छूटी पर होते हुए पुलिस अधीक्षक शिमला द्वारा एलपीए दायर करना सरकार की सोची समझी चाल बताया।
सुधीर शर्मा ने सवाल उठाए कि मुख्य मंत्री की प्रेस वार्ता में अपील दायर न करने की बात करना ।छूटी पर चल रहे संजीव गांधी द्वारा एलपीए दायर करना अपने आप में सरकार की घबराहट जाहिर करता है। उन्होंने बताया कि सरकार की और से एलपीए दायर नहीभूंतो इस केस में गांधी का वकील कौन होगा ?
सुधीर शर्मा ने सरकार और छूटी पर भेज एस पी शिमला संजीव गांधी की एलपीए विमल नेगी की सीबीआई की जांच पर घबराहट सामने आ रही है।
भाजपा विद्यालय सुधीर शर्मा ने कहा कि विमल नेगी की संदेहस्पद मृत्यु के मामले में जो सीबीआई की जांच चल रही है। मुझे लगता है कि सरकार उसमें पूरी तरह से घबरा गई है, नहीं तो क्या कारण है कि मुख्यमंत्री की पत्रकार वार्ता और कहने के बावजूद कि सरकार अब अपील में नहीं जाएगी। एसपी शिमला जब मेडिकल लीव पर है तो उन्होंने एलपी फाइल कर दिया है।
सुधीर शर्मा ने कहा कि एलपीए फाइल करने के पीछे हो सकता है कि गांधी को सरकार की तरफ से ही संरक्षण हो जिस से इन्वेस्टिगेशन में देरी हो और मामला उलझा ही रहे।
गांधी ने एसपी शिमला की हैसियत से यह लिटीगेशन फाइल की है,तो क्या उनके लिए एडवोकेट जनरल अपीयर होंगे।
सरकार की लिटिगेशन पॉलिसी के मुताबिक तो कर्मचारी व अधिकारी को अपने संबंधित विभाग से लिटिगेशन फाइल के लिए एनओसी लेनी आवश्यक होती है ,अगर इस पी शिमला जो लीव पर चल रहे है नियम के अंतर्गत उनको विभाग या सरकार से एनओसी लेना है तो क्या सरकार ने या उस विभाग ने एनओसी दिया है ? कि यह एलपीए फाइल करने के लिए जाए ।
उन्होंने आरोप लगाया कि एसपी की हैसियत से किस तरह से लिटिगेशन फाइल कर सकते हैं जब वो मेडिकल लीव पर चले गए ? और उनका चार्ज जो है वो साथ के जिले के एसपी जो है उनको दिया गया है तो अपने आप में परिस्थितियां बहुत गंभीर प्रदेश के अंदर
है।
सरकार पूरी तरह से घबराई हुई है और इस तरह के जो हथकंडे हैं वह निष्पक्ष जांच को रोकने के लिए सरकार जो है वह अपना रही है। यह मेरा सरकार पर आरोप है।