शिमला 16 जून,
हिम नयन न्यूज /ब्यूरो /वर्मा
विद्यार्थी जीवन में खेल बच्चों के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी खेल प्रतिभा का लोहा मनवाने वाली खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन प्रदान कर रहे हैं। राज्य में खेल संस्कृति को बढ़ावा प्रदान करते हुए मुख्यमंत्री ने विभिन्न खेल निकायों को निर्देश जारी किए हैं कि वे राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को उस अवधि के दौरान विशेष अवकाश उपस्थिति के रूप में दर्ज करें। इस निर्णय का उद्देश्य विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देना है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में, विभिन्न खेल संघों, महासंघों या बोर्डों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को विशेष अवकाश प्रावधान की कमी के कारण स्कूलों में अनुपस्थित अंकित किया जाता है। इससे न केवल उनकी उपस्थिति प्रभावित होती है, बल्कि उनके आंतरिक मूल्यांकन व शैक्षणिक रिकॉर्ड पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

प्रदेश सरकार अब यह अनिवार्य कर दिया गया है कि मान्यता प्राप्त खेल निकायों द्वारा प्रतियोगिता अथवा कोचिंग कैंप के लिए जारी भागीदारी प्रमाण पत्र या संस्था पत्र स्वीकार किया जाएगा। स्कूलों को ऐसे विद्यार्थियांे को अनुपस्थित अंकित करने के बजाय विशेष अवकाश उपस्थित करने के रूप में अंकित करने के आदेश दिए गए हैं, जो स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआई) की प्रतियोगिताओं के लिए अपनाए गए प्रावधानों के समान है।
मुख्यमंत्री ने कहा, सरकार का यह निर्णय समग्र विकास के दृष्टिकोण को प्रदर्शित कर रहा है, जिसके अनुसार खेल और शिक्षा एक दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने कहा कि स्कूलों में उपस्थिति दर्ज कराना छात्र विकास के लिए अधिक समावेशी और संतुलित विकास की ओर कदम को दर्शाता है।
युवाओं मंें खेल भावना को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश उल्लेखनीय कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए अन्तरराष्ट्रीय खेल विजेताओं की सम्मान राशि मंे उल्लेखनीय वृद्धि की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 21 अंतरराष्ट्रीय पदक विजेताओं को बढ़ी हुई पुरस्कार राशि के साथ 14.77 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि से सम्मानित किया गया। सरकार के इस कदम का उद्देश्य राज्य केे खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत, समर्पण और अंतरराष्ट्रीय सफलता को मान्यता प्रदान करना है।

ऊना जिले के पैरालिंपियन निषाद कुमार को प्रतिष्ठित टोक्यो पैरालिंपिक सहित विभिन्न पैरा-खेलों में ऊंची कूद में उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए सर्वाधिक 7.80 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की गई। इसके साथ मंडी के पैरा एथलीट अजय कुमार को 400 मीटर दौड़ में पदक जीतने के लिए 2.50 करोड़ रुपये का पुरस्कार दिया गया।
प्रदेश के लिए सम्मान अर्जित करने वाले हमीरपुर के विकास ठाकुर को भारोत्तोलन स्पर्धा में पदक जीतने के लिए 2 करोड़ रुपये का पुरस्कार दिया गया। कबड्डी के खेल में, सिरमौर से एथलीटों रितु नेगी, पुष्पा और सुषमा शर्मा, बिलासपुर से निधि शर्मा, सोलन से ज्योति और ऊना से विशाल भारद्वाज को अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में राज्य का नाम रोशन करने के लिए प्रत्येक एथलीट को 33.32 लाख रुपये का पुरस्कार दिया गया। शिमला की क्रिकेट स्टार रेणुका सिंह ठाकुर को भी खेल में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए 13.32 लाख रुपये प्रदान किए गए। इसके अतिरिक्त इन सम्मानों के अलावा, अन्य उत्कृष्ट एथलीटों को लगभग 44 लाख रुपये की राशि प्रदान की।
प्रशिक्षण के साथ-साथ खिलाड़ियों के जीवन में पोषणयुक्त आहार का भी महत्व रहता है। इसके दृष्टिगत सरकार द्वारा 421 खिलाड़ियों को डाइट मनी के रूप में 76.98 लाख रुपये और 235 खिलाड़ियों को यात्रा व्यय के लिए 6.01 लाख रुपये दिए गए हैं। यह निर्णय दर्शाते हैं कि प्रदेश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित करने के साथ-साथ खेल की तैयारी करने के लिए बेहतर प्रशिक्षण के साथ बेहतर डाइट और यात्रा सुविधा भी प्रदान की जाती है।
राज्य में खेल अधोसंरचना का उन्नयन किया जा रहा है। सरकार हमीरपुर के नादौन में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का खेल स्टेडियम निर्मित कर रही है। इस विश्व स्तरीय सुविधा से युवा खिलाड़ी अपनी खेल प्रतिभा निखार सकेंगे।
सुक्खू ने कहा कि सरकार गांव स्तर तक खेलों की असाधारण प्रतिभाओं को निखारने और उन्हें उचित मंच प्रदान करने के लिए ठोस प्रयास कर रही है। सरकार के यह प्रयास इंगित कर रहे हैं कि खेल केवल जुनून नहीं बल्कि खेलों का विकास राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि निरंतर समर्थन और बुनियादी ढांचे के विकास के साथ, हिमाचल प्रदेश लगातार राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल परिदृश्य में एक मजबूत प्रतिभागी के रूप में खुद को स्थापित कर रहा है।