/मनमोहन सिंह ‘दानिश’ की ग़ज़ल

मनमोहन सिंह ‘दानिश’ की ग़ज़ल

सोलन 18 सितम्बर,
हिम नयन न्यूज़/ ब्यूरो

तिरी राहों पे ऐ दुनिया हमें चलना नहीं आया
किसी दहलीज़ पर हमको कभी झुकना नहीं आया

किसी की शान में हम तो कसीदे पढ़ नहीं पाए
किसी बाज़ार में हमको कभी बिकना नहीं आया

उठाई जब कलम हमने लिखा उससे बगावत ही
किसी रुखसार के तिल पे हमें लिखना नहीं आया

कहें महबूब को अपने सभी इक चांद का टुकड़ा
मगर तारीफ झूठी तो हमें करना नहीं आया

मिला गर हक नहीं हमको लड़े हम तख्त ताजों से
हुकूमत से हमें ‘दानिश’ कभी डरना नहीं आया

— मनमोहन सिंह ‘दानिश’

रुखसार: गाल