एसडीआरएफ को मिलेगा विशेष प्रशिक्षण
शिमला, 18 सितम्बर
हिम नयन न्यूज़ /ब्यूरो/ वर्मा
हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं के बढ़ते जोखिम को देखते हुए राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) को और मजबूत किया जाएगा। इस दिशा में आज शिमला में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, एनडीआरएफ, भारतीय मौसम विभाग, एनएचएआई, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और राज्य के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

मुख्य सचिव ने कहा कि पर्वतीय राज्यों की विशेष भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप एसडीआरएफ को उन्नत तकनीक और विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल से सुसज्जित करना आवश्यक है। उन्होंने ड्रोन आधारित हवाई निरीक्षण, क्षति आकलन, जीवनरक्षक सामग्री की आपूर्ति और दुर्गम क्षेत्रों में राहत कार्यों के लिए विशेष कौशल विकसित करने पर बल दिया।

उन्होंने यह भी कहा कि आपदा प्रबंधन को तेज और अधिक प्रभावी बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित निर्णय समर्थन प्रणाली विकसित की जाएगी। इससे पूर्व चेतावनी प्रणाली की सटीकता बढ़ेगी, प्रभावित क्षेत्रों की पहचान वास्तविक समय में हो सकेगी और राहत सामग्री व संसाधनों का बेहतर आवंटन सुनिश्चित होगा।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि आपदाओं के बाद उत्पन्न होने वाले मलबे और गाद के निपटान के लिए एक पर्यावरण अनुकूल प्रोटोकॉल तैयार किया जाएगा, जिसमें जैव-इंजीनियरिंग तकनीकों और पुनर्चक्रण पर विशेष ध्यान होगा।

मुख्य सचिव ने मंडी में एनडीआरएफ मुख्यालय तथा सोलन जिले के नालागढ़ और शिमला जिले के रामपुर में क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्रों की स्थापना की प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर एनडीआरएफ के महानिदेशक पीयूष गोयल ने हिमाचल को आवश्यक प्रशिक्षण उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया, जबकि एनडीएमए सदस्य कृष्ण एस. वत्स और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सतवंत अटवाल त्रिवेदी ने एसडीआरएफ की मौजूदा क्षमताओं को और अधिक सशक्त बनाने पर बल दिया