/महिला क्रिकेट विश्वकप: जीतने की आदत होना भी ज़रूरी है।

महिला क्रिकेट विश्वकप: जीतने की आदत होना भी ज़रूरी है।

सोलन 20 अक्टूबर ,
हिम नयन न्यूज/ ब्यूरो/वर्मा/मनमोहन सिंह

भारत और श्रीलंका में खेली जा रही महिला विश्वकप क्रिकेट प्रतियोगिता में भारतीय टीम लगातार तीसरा मैच हार गई। शायद 1982 के बाद यह पहला मौका है जब भारत ने विश्वकप में लगातार तीन मैच हारे हैं।

दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हम अपने स्कोर बचा नहीं पाए और कल इंदौर में इंग्लैंड की 288 रन की चुनौती को भी पार नहीं कर सके। यह मैच भारत ने मात्र चार रन से गंवाया।

हालांकि पूरी टीम ने शानदार खेल दिखाया — क्षेत्ररक्षण लाजवाब रहा, गेंदबाजी उम्दा रही और खिलाड़ियों की “करो या मरो” की भावना ने इंग्लैंड को 288 रन पर रोकने में बड़ी भूमिका निभाई।


मेरे हिसाब से भारतीय खिलाड़ियों ने सिर्फ अपने शानदार क्षेत्ररक्षण के दम पर करीब 30–40 रन बचा लिए।

जिस तरह की पिच थी और ऊपर से भारतीय पारी के समय ओस भी आ गई थी, ऐसे में इस स्कोर को पार करना मुश्किल नहीं होना चाहिए था।

लेकिन कप्तान हरमनप्रीत कौर (70) और उप कप्तान स्मृति मंधाना (88) के बीच 121 रन की साझेदारी के बावजूद भारत 50 ओवर में 284 रन ही बना सका।