महिला विश्वकप क्रिकेट 2025 की विजेता बनी टीम इंडिया
सोलन 3 नवम्बर
हिम नयन न्यूज/ मनमोहन सिंह की रिपोर्ट
“At the stroke of midnight hour, when the whole world sleeps, India will awake to life and freedom” — आज़ादी की रात के ये शब्द दो नवंबर 2025 की रात फिर से जीवंत हो उठे, जब पूरी दुनिया नींद में थी और भारत की बेटियों ने विश्वविजेता का ताज अपने नाम किया। 1973 से जिस सपने को साकार करने की कोशिश जारी थी, वह अब हकीकत बन गया।
बारिश से प्रभावित फाइनल मैच में दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लौरा वॉल्वार्ड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। भारत की शुरुआत शानदार रही — स्मृति मंधाना (45) और शेफाली वर्मा (87) ने पहली विकेट के लिए शतकीय साझेदारी की। इसके बाद मध्यमक्रम थोड़ा लड़खड़ाया, पर दीप्ति शर्मा (58) और ऋचा घोष (34 रन, 24 गेंद) ने टीम को संभालते हुए स्कोर 7 विकेट पर 298 रन तक पहुंचाया।
लक्ष्य था 299 रनों का — और भारत की गेंदबाजों ने इसे असंभव कर दिखाया।
रेणुका सिंह ठाकुर ने शुरुआती ओवरों में कसी हुई गेंदबाजी की, 9 ओवर में सिर्फ 28 रन दिए। जबकि दीप्ति शर्मा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 9.3 ओवर में 39 रन देकर 5 विकेट चटकाए और टूर्नामेंट की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बनीं। कप्तान हरमनप्रीत कौर की सटीक रणनीति और गेंदबाजी में शेफाली वर्मा की दो अहम सफलताओं ने दक्षिण अफ्रीका की रन गति तोड़ दी।

कप्तान लौरा वॉल्वार्ड (101 रन) की जुझारू पारी के बावजूद टीम लक्ष्य से 40 रन पीछे रह गई।
निर्णायक पल तब आया जब अमनजोत कौर ने दीप्ति की गेंद पर वॉल्वार्ड का मुश्किल कैच पकड़कर भारत की जीत पक्की कर दी।
इस ऐतिहासिक जीत में कोचिंग स्टाफ और सहयोगी टीम की भूमिका भी सराहनीय रही।
यह जीत 1983 के पुरुष विश्वकप और 1975 के हॉकी विश्वकप जैसी ऐतिहासिक उपलब्धियों की श्रेणी में गिनी जाएगी।
🇮🇳 भारत की बेटियों ने साबित कर दिया — “हम में है दम!”
यह सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि हर उस भारतीय बेटी के सपने की जीत है जो मैदान पर देश का नाम ऊँचा करने का हौसला रखती है।

    
        






