/इल्मा अफरोज के मामले में नेता प्रतिपक्ष ने हाई कोर्ट के निर्णय का किया स्वागत

इल्मा अफरोज के मामले में नेता प्रतिपक्ष ने हाई कोर्ट के निर्णय का किया स्वागत

युवा तेज तरार आईपीएस अधिकारी इल्मा अफरोज को हाई कोर्ट ने दी बद्दी में नियुक्ति – जयराम ठाकुर

शिमला 10 जनवरी,
हिम नयन न्यूज/ ब्यूरो /नयना वर्मा

हिमाचल विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने औधोगिक नगरी बद्दी की युवा तेज तरार पुलिस अधीक्षक आईपीएस इल्मा अफरोज के मामले में हाई कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया हे ।

नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर ने यहां जारी एक व्यान में कहा कि व्यवस्था परिवर्तन वाली सरकार का चेहरा एक बार फिर से बेनकाब हो गया है। आज फिर पूरे प्रदेश ने देखा कि किस प्रकार से सरकार अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करके बद्दी में गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त लोगों को संरक्षण देने का काम कर रही है।

उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री को प्रदेश के हितों से ज्यादा अपनी कुर्सी की चिंता हैए इसीलिए राजनीतिक दबाव में आकर उन्होंने बद्दी की एसपी पर कार्रवाई की और उन्हें जबरन छुट्टी पर भेज दिया। जिससे वहां तैनात होने वाले आगे अधिकारियों पर भी यह दबाव बने की सरकार के लोगों को छेड़ना नहीं है।

उन्होने कहा कि आज भी अखबारों में छपा है कि खनन माफिया एसपी ऑफिस के आसपास भी अवैध खनन कर रहे हैं लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। सरकार द्वारा इस प्रकार से माफिया को संरक्षण देना दुर्भाग्यपूर्ण भी है और शर्मनाक भी।

ठाकुर जय राम ने कहा कि आज माननीय उच्च न्यायालय ने बद्दी में एसपी की नियुक्ति के मामले में सरकार की तानाशाही और अन्याय को उजागर करते हुए जो फैसला दिया हैए उसकी हम सराहना करते हैं।

जयराम ठाकुर ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन वाली सुक्खू सरकार में चाहे कोई एसपी के पद पर कार्यरत अधिकारी हो या डीएसपी के पद पर कार्यरत अधिकारी होए या कोतवाल और पुलिस का जवान होए अपना काम जिम्मेदारी से करने के लिए सभी को सरकार के कोप का सामना करना पड़ा है ।

नेता प्रतिपक्ष ने माननीय उच्च न्यायालय द्वारा बद्दी में आईपीएस अधिकारी इल्मा अफरोज को फिर से एसपी के पद पर नियुक्त करने के आदेश देने का स्वागत किया।

उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा माफियाओं को संरक्षण देने के पीछे की मंशा क्या है ? क्यों एक अधिकारी को प्रताड़ित करने के हर हथकंडे सरकार द्वारा अपनाए गए? क्यों सरकार में बैठे लोगों द्वारा एक आईपीएस को इतना प्रताड़ित किया गया कि वह रातों.रात अपना दफ्तर और घर छोड़कर चली गई?क्यों एक आईपीएस को प्रताड़ित करने वाले लोगों के साथ मुख्यमंत्री खड़े रहे और उनका बचाव करते रहे ? मुख्यमंत्री प्रदेश का मुखिया होता है, अभिभावक होता है, यदि अभिभावक ही ऐसा काम करने लगे तो प्रदेश के लोग कहां जाएंगे ?