/हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में प्रस्तावित बल्क ड्रग पार्क के लिए संभावित API निर्माताओं के साथ बैठक

हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में प्रस्तावित बल्क ड्रग पार्क के लिए संभावित API निर्माताओं के साथ बैठक


शिमला 14 जुलाई,
हिम नयन न्यूज /ब्यूरो/ वर्मा

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में उच्च स्तरीय बैठक से
पूर्व, उद्योग विभाग द्वारा हैदराबाद और मुंबई में अग्रणी API निर्माताओं, संभावित निवेशकों एवं प्रमुख फार्मा
संघों के साथ महत्वपूर्ण पूर्व-तैयारी बैठकें आयोजित की गईं।

इन बैठकों का उद्देश्य ऊना जिले में विकसित किए जा रहे बल्क ड्रग पार्क को लेकर निवेशकों की रुचि जानना और उनकी अपेक्षाओं को समझना था।
इन बैठकों में Bulk Drug Manufacturers Association (BDMA), Indian Drug Manufacturers
Association (IDMA), Pharmexcil, एवं Telangana Association of Pharma and Chemical
Industries (TAPCI) जैसे प्रतिष्ठित फार्मा संगठनों ने भागीदारी निभाई।


मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व आर. डी. नज़ीम,आईएएस, अतिरिक्त मुख्य सचिव (उद्योग) ने किया। उनके साथ डॉ. यूनुस, आईएएस, निदेशक उद्योग, तिलक राज शर्मा, अतिरिक्त निदेशक (उद्योग) तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर निदेशक उद्योग द्वारा एक विस्तृत प्रस्तुति के माध्यम से बल्क ड्रग पार्क की व्यापक रूपरेखाप्रस्तुत की गई तथा हिमाचल प्रदेश के फार्मा इकोसिस्टम का परिचय दिया गया।

उन्होंने बताया कि राज्य में पहले से ही 650 से अधिक फार्मास्युटिकल फॉर्मूलेशन इकाइयाँ कार्यरत हैं, जिनमें Alkem Labs, Sun Pharma, Abbott, Dr. Reddy’s जैसी अग्रणी कंपनियाँ शामिल हैं, जो राज्य के मजबूत फार्मा आधार को
दर्शाता है।


उन्होंने आगे बताया कि यह प्रस्तावित बल्क ड्रग पार्क प्रतिवर्ष ₹38,000 करोड़ से अधिक की API मांग को
पूरा करेगा, न केवल हिमाचल प्रदेश में बल्कि पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर जैसे
पांच पड़ोसी राज्यों में भी। यह पार्क हरोली तहसील में 1,405 एकड़ में फैला होगा, जो पंजाब सीमा के समीप
है और उत्कृष्ट कनेक्टिविटी तथा अत्याधुनिक बुनियादी ढाँचा प्रदान करेगा। पार्क में CETP (Zero Liquid
Discharge सहित), स्टीम एवं पावर जनरेशन, खतरनाक अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र, गोदाम, गुणवत्ता नियंत्रण
प्रयोगशालाएँ एवं सेंटर ऑफ एक्सीलेंस जैसी प्रमुख साझा सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।


इन बैठकों में Dr. Reddy’s, Alkem Labs, Sun Pharma, Abbott, Aurobindo Pharma, Covalent Labs,
Torrent Pharma, Mankind Pharma, Mahima Life Sciences जैसी अग्रणी फार्मा कंपनियों सहित
Thermax एवं Balaji Infrastructure जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर विशेषज्ञों सहित 150 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग
लिया। प्रतिभागियों ने आगामी पार्क में निर्माण इकाइयाँ स्थापित करने में गहरी रुचि दिखाई।


बैठक के दौरान संभावित निवेशकों ने CETP एवं स्टीम जनरेशन शुल्क जैसे परिचालन पहलुओं पर प्रश्न उठाए
और शुल्क निर्धारण में पारदर्शिता तथा स्थायित्व की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य

सरकार को प्रतिस्पर्धी लागत बनाए रखने हेतु उपयोगिता शुल्कों में अनावश्यक वृद्धि से बचाव के लिए स्पष्ट और
स्थायी व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए।


अतिरिक्त मुख्य सचिव (उद्योग) ने निवेशकों को आश्वस्त किया कि उनकी चिंताओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा
रही है और उपयोगिताओं के प्रबंधन हेतु एक मजबूत, किफायती एवं विश्वसनीय ढाँचा विकसित किया जा रहा
है। यह बल्क ड्रग पार्क हिमाचल प्रदेश को उच्च गुणवत्ता वाली API एवं फार्मास्युटिकल विनिर्माण के एक प्रमुख केंद्र
के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।


इसके अतिरिक्त, उद्योग विभाग द्वारा सीमेंट उद्योग के प्रमुख खिलाड़ियों के साथ भी एक बैठक आयोजित की
गई, जिसमें राज्य सरकार द्वारा SBI CAPS की सलाहकार भूमिका में दो चूना पत्थर खनिज ब्लॉकों की नीलामी
हेतु शीघ्र जारी होने वाले NIT (निविदा सूचना) के संदर्भ में चर्चा की गई।

यह पहल राज्य की समृद्ध चूना पत्थर खनिज संपदा के दोहन हेतु निजी क्षेत्र की भागीदारी को आमंत्रित करेगी और ग्रीनफील्ड एवं ब्राउनफील्ड सीमेंटपरियोजनाओं के माध्यम से स्थानीय रोजगार सृजन एवं औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करेगी। इस बैठक मेंUltratech, Adani, Nuvoco Vista जैसी प्रमुख सीमेंट कंपनियों ने भाग लिया और निविदा में रुचि दर्शाई।