सोलन 3 अगस्त,
हिम नयन न्यूज/ ब्यूरो /साभार मनमोहन सिंह
लगभग हर ढाई मिनट बाद कोरिया की डी में प्रवेश करके गोल पर प्रयास करने वाली भारतीय हॉकी टीम ने लगभग आधा दर्जन मौके गवां कर बड़ी मुश्किल से कोरिया के साथ 2-2 से ड्रॉ खेल कर अपनी साख बचाई। मैच की स्कोर रेखा मैच का सही चित्र पेश नहीं करती। अगर मैच के आंकड़ों पर नज़र डालें तो भारत ने 23 बार कोरिया की डी में प्रवेश किया जबकि कोरिया केवल आठ बार ऐसा कर पाया।
जहां तक पेनल्टी कॉर्नर्स की बात है तो भारत को छह पेनल्टी कॉर्नर्स मिले जिनमें से एक भी गोल में परिवर्तित नहीं हुआ जबकि कोरिया ने दो पेनल्टी कॉर्नर्स में से एक को गोल में बदल दिया। कोरिया का दूसरा गोल पेनल्टी स्ट्रोक से आया।

बारिश के कारण लगभग एक घंटा देरी से शुरू हुए इस मैच में भारत की पकड़ शुरू से ही मजबूत रही। पहले मिनट में ही भारत ने कोरियाई गोल पर प्रयास किया पर गोलरक्षक ने शानदार बचाव किया।
इसके बाद भी भारत ने दवाब बनाए रखा और फिर लगभग चौथे मिनट में भारत के लिए हार्दिक सिंह अपने जादुई अंदाज़ और बिजली की तेजी का प्रदर्शन करते हुए कोरिया की 23 मीटर की लाइन के बाहर से गेंद सम्भाली और चार पांच कोरियाई खिलाड़ियों को छक्काते हुए आगे बढ़ रहे गोलरक्षक के बाएं तरफ से उसे गोल में पहुंचा दिया (1-0). इसके बाद भारत के हमले जारी रहे पर गेंद गोल में नहीं गई।
हार्दिक सिंह की गति आज देखते ही बनती थी। कोई भी कोरियाई खिलाड़ी उन्हें रोक नहीं पा रहा था। उनके खेल से भारत की उस हॉकी की याद ताजा हो गई जो 60-70 के दशक में खेली जाती थी।
भारत के बार बार मौके बनाने और खोने के बीच कोरिया को एक मौका तब मिला जब उनके एक खिलाड़ी को भारतीय रक्षक ने गोल के सामने धक्का दे दिया और वीडियो अंपायर ने उन्हें पेनल्टी स्ट्रोक अवार्ड कर दिया। इस पर स्कोर कर कोरिया ने बराबरी हासिल कर ली
(1-1)। वैसे यह धक्का देना ज़रूरी नहीं था। वह कोरियाई खिलाड़ी गोल करने की स्थिति में नहीं था। इसके बाद कोरिया को पहला पेनल्टी कॉर्नर मिला, वह भी डी से बाहर गेंद को जानबूझ कर पैर से रोकने की वजह से मिला। हालांकि इसकी भी ज़रूरत नहीं थी।
इसी पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदल कोरिया 2-1 की बढ़त लेने में कामयाब हो गया। इस तरह मैच का पहला क्वाटर कोरियाई बढ़त के साथ खत्म हुआ।
इसके बाद की कहानी भारत के हमलों और कोरिया के बचाव की है। भारत के लगातार हमले और कोरियाई गोलकीपर के शानदार बचाव और भारत के मौके गवाने की कहानी बार बार दोहराई जाती रही।
चौथे क्वार्टर का खेल भी इसी तरह चला। लगने लगा था भारत मैच नहीं बचा पाएगा पर साढ़े सात मिनट रहते किस्मत बदली और लेफ्ट फ्लैंक से आए एक शानदार क्रॉस को गोलपोस्ट से सट कर खड़े मनदीप सिंह ने गोल में सरका कर टीम को बराबरी दिला दी (2-2)। इसके बाद भी भारत को पेनल्टी कॉर्नर मिला हरमनप्रीत का प्रयास विफल रहा।
सुपर 4 में अब भारत का अगला मुकाबला आज मलेशिया के साथ है। दूसरी तरफ इस टूर्नामेंट में सबसे मजबूत दिखने वाली मलेशिया की टीम ने अपने मैच में चीन को 2-0 से शिकस्त दे कर पूरे अंक हासिल कर लिए।