शिमला 19 अक्तूबर,
हिम नयन न्यूज/ब्यूरो/वर्मा।
परम पूज्य श्री माता जी श्री निर्मला देवी ने अपने प्रवचन में कहा कि जीवन की नकारात्मकताओं से मुक्ति पाने का एकमात्र मार्ग पूर्ण समर्पण है। उन्होंने बताया कि जब व्यक्ति परमात्मा को समर्पित होता है, तो उसके भीतर की समस्त नकारात्मक शक्तियाँ स्वतः समाप्त हो जाती हैं।
माता जी ने कहा — “जितना अधिक मनुष्य सूक्ष्म होता जाता है, उतनी ही सूक्ष्म नकारात्मकताएँ उसे घेरने लगती हैं। ये विचार अत्यंत नकारात्मक होते हैं, लेकिन हम उन्हें पहचान नहीं पाते। ऐसे में समर्पण ही एकमात्र उपाय है, क्योंकि समर्पण के आगे शैतानी शक्तियाँ स्वयं नष्ट हो जाती हैं।”

उन्होंने यह भी कहा कि हर समय अपनी कमियों और बाधाओं के बारे में सोचते रहना किसी भी समाधान की ओर नहीं ले जाता। इसके विपरीत, इन विचारों को परमात्मा को समर्पित कर देना ही आत्मिक शांति का मार्ग है।

माता जी के अनुसार, जो व्यक्ति नकारात्मक विचारों और भय को समर्पण के माध्यम से छोड़ देता है, उसके भीतर शांति, संतुलन और आनंद का प्रवाह आरंभ हो जाता है।

यह प्रवचन 19 अक्तूबर 1980 को दिया गया था और आज भी “Every Day with Shree Mataji” के संदेशों के रूप में विश्वभर में लोगों को प्रेरित कर रहा है।
“ओउम् त्वमेव साक्षात श्री सर्व बाधा विनाशिनी साक्षात श्री आदिशक्ति माता जी श्री निर्मला देव्यै नमो नमः।”