/अठारह पुराणों में श्रीमद् देवी भागवत सर्वश्रेष्ठ है- स्वामी हरिचेतनानंद

अठारह पुराणों में श्रीमद् देवी भागवत सर्वश्रेष्ठ है- स्वामी हरिचेतनानंद

नालागढ/ रामशहर 10 अप्रैल
हिम नयन न्यूज/ / मुनीष शर्मा

स्वयं प्रगट दुर्गा माता मंदिर मितियाँ राम शहर में चैत्र नवरात्रि के अवसर पर श्रीमद् देवी भागवत कथा के दूसरे दिन महामंडलेश्वर स्वामी हरि चेतनानंद हरिद्वार ने कहा कि अठारह पुराणों में श्रीमद् देवी भागवत पुराण सर्वश्रेष्ठ है ,धर्म अर्थ काम मोक्ष को प्रदान करने वाला परीक्षित की मृत्यु के तीन कारण बने ब्राह्मण का शाप अंतरिक्ष सर्प दंस स्वप्ना अवस्था में परीक्षित ने जनमेजय को कहा मेरी मुक्ति नहीं हुई मेरी मुक्ति के लिए कोई सत्कर्म करो ।

फिर जन्मेजय वेदव्यास जी के पास जाकर परीक्षित की मुक्ति का उपाय पूछते हैं ।


व्यास जी ने कहा सबसे श्रेष्ठ सत्कर्म अंबा यज्ञ एवं श्रीमद् देवी भागवत कथा श्रवण है अपने पिता की परीक्षित की मुक्ति के लिए जन्मेजय नौ दिन तक अम्बा यज्ञ मां भगवती की कथा श्रवण की माँ भगवती आराधना की वैदिक धर्मानुसार जो विद्या है वही सर्वदा आदिशक्ति पराशक्ति है शक्ति की उपासना से मनुष्य शक्तिमान बनता है।

मां भगवती संपूर्ण संसार में शक्ति के रूप में विराजमान है। नवरात्रि पर्व साधना उपासना का पर्व है। नवरात्र में अखंड ज्योति का दर्शन करें नवार्ण मंत्र का जाप करें इससे कुंडली जागरण होता है। कुंडलिनी शक्ति के बिना शिव भी शव बन जाता है शक्तिहीन जीव निर्जीव और असमर्थ है ब्रह्मा से लेकर तिनका पर्यंत सभी पदार्थ संसार में शक्ति के बिना निर्जीव है।

स्थावर जंगम सभी जीवो में शक्ति ही काम करती है जो भक्त नवरात्रि में चंडी पाठ करते हैं उनकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है। स्वयं प्रगट दुर्गा माता मंदिर में प्रतिदिन सैकड़ो लोग आकर कथा श्रवण दुर्गा माता का दर्शन लंगर का