नालागढ़ ( रामशहर) 12 अप्रैल
हिम नयन न्यूज़ /ब्यूरो /मनीष शर्मा
स्वयं प्रकट दुर्गा माता मंदिर मित्तियॉं रामशहर में श्रीमद् देवी भागवत कथा के चतुर्थ दिवस पर महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद जी हरिद्वार ने कहा महादेवी का परम अद्भुत पुराण देवी भागवत है । देवी भागवत में साक्षात मूल प्रकृति का वर्णन किया गया है। नवरात्रि में मां भगवती की उपासना करने से वासना का विनाश होता है।जिस घर में नित्य साक्षात सनातनी भगवती की पूजा होती है वह घर तीर्थ रूप हो जाता है ।

स्वामी जी ने भीष्म पितामह के पूर्व का वृतांत सुनाते हुए कहा भीष्म पितामह द्यौ नाम के बसु थे एक बार मृत्यु लोक में वशिष्ठ आश्रम में आए कामधेनु की पुत्री नंदिनी की महिमा श्रवण की नंदिनी के दूध में दस हज़ार वर्ष तक जीवित रहने की शक्ति थी जो नंदिनी का दुग्ध पान कर लेता उसे बुढ़ापा नहीं आता था। द्यौ नाम की बसु की पत्नी ने कहा मृत्यु लोक में मेरी सहेली रहती है मैं उसे नंदिनी का दूध पिलाना चाहती हूं।
द्यौ नाम के बसु कामधेनु की पुत्री को लेकर चले गए वशिष्ठ जी शक्ति के उपासक थे । वशिष्ठ जी ने भगवती का ध्यान किया ध्यान में देखा कि नंदिनी अष्ट वसुओं के बीच में है वशिष्ठ जी ने श्राप दिया की जो पत्नी के कहने पर नंदनी को ले गया है उसे जीवन में पत्नी का सुख नहीं मिलेगा यही कारण था भीष्म अविवाहित रहे।

जीवन में क्रिया की प्रतिक्रिया होती है हम नया कुछ नहीं भोग रहे कर्म रूपी बीज का फल सबको प्रारब्ध अनुसार भोगना पड़ता है ।
स्वामी जी ने व्यास जी की उत्पत्ति पांडवों की उत्पत्ति सहित ब्रह्मा विष्णु महेश के द्वारा देवी पूजन का मार्मिक प्रसंग श्रवण कराया। मंदिर प्रबंधन कमेटी एवं भक्तों द्वारा मां दुर्गा की आरती उतारी गई।