शिमला /नालागढ 23 जुलाई
हिम नयन न्यूज /ब्यूरो/ वर्मा
भाषा एवं संस्कृति विभाग तथा कीकली चैरिटेबल ट्रस्ट शिमला के सौजन्य से सितम्बर 2024 को शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थिएटर में बाल रंग मंच महोत्सव का आयोजन किया जाएगा जिसमें हिमाचल प्रदेश के 15 लेखकों की कहानियों का चयन करके नाटक में परिवर्तित करके मंचन किया जाएगा
मिली जानकारी के मुताबिक इन नाटकों का मंचन हिमाचल प्रदेश के विभिन्न स्कूलों द्वारा सितम्बर 2024 को गेयटी थिएटर शिमला में किया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक नालागढ़ के सुप्रसिद्ध साहित्यकार प्रो. रणजोध सिंह की कहानी ‘धर्मराज के दरबार में’ जिसमें मानव को पृथ्वी-विनाश का मूल कारण बताया गया है, भी उपरोक्त प्रतियोगिता के लिए चयनित हुई है, जिसका नाटकीय मंचन सितम्बर, 2024 को शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थिएटर में स्कूली बच्चों द्वारा किया जाएगा ।
याद रहे कि गत वर्ष भी प्रो. रणजोध सिंह की कहानी ‘कैंथ का पेड़’ जो बाल मनोविज्ञान पर आधारित है, बाल रंग मंच के लिए चयनित हुई थी जिसका नाटकीय मंचन भाषा विभाग शिमला तथा कीकली चेरिटेबल ट्रस्ट शिमला के सौजन्य से मोनाल पब्लिक स्कूल शिमला के बच्चों द्वारा अक्टूबर, 2023 में गेयटी थिएटर शिमला में किया गया था,और इस कहानी को तथा इसके नाटृय रूपांतरण को सर्वश्रेष्ठ वर्ग में पुरस्कृत किया गया था।
वर्ष 2023 में भी नेपाल में पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी के सौजन्य से एक लेखन शिविर लगाया गया था जिसमें प्रो. सिंह को ‘महाराज कृष्ण जैन स्मृति’ सम्मान से अलंकृति किया गया तथा इस वर्ष इसी संस्था द्वारा उन्हें भुटान में ‘अंतरराष्ट्रीय मानस हिंदी -सेवी सम्मान- 2024’ से नवाजा गया।
प्रो. सिंह की कविताएं, कहानियां एवं लेख देश के प्रतिष्ठित समाचार पत्रों तथा साहित्यिक पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं। टी.वी. तथा अनेक साहित्य पटलों पर भी पर भी प्रो. सिंह की कविताओं का प्रसारण होता रहता है। साहित्य से सम्बंधित अनेकों प्रतिष्ठित सम्मानों से अलंकृत प्रो. सिंह का समस्त जीवन साहित्य एवं विद्यार्थियों के सर्वागीण विकास के लिए समर्पित है।
नालागढ़ साहित्य कलामंच के अध्यक्ष यादव किशोर गौतम, सचिव हरिराम धीमान, नालागढ़ पेंशनरस एसोसिएशन के प्रधान नरेश घई तथा अन्य साहित्यकारों ने प्रो. रणजोध सिंह की इस उपलब्धि के लिए उन्हें बधाई देते हुए कहा कि यह नालागढ़ के लिए एक गर्व का विषय है।
हिम नयन न्यूज परिवार भी इस साहित्यकार को बधाई देता है ।