कॉमन सर्विस सेंटर सीएससी खोलने को पांच लाख रुपए का किया जा रहा है बजट प्रदान ।
तय किए गए मूल्यों पर ही लोगों को सुविधा मिल पाएगी रेट सूची के आधार पर ही वसूले जाएंगे दाम
शिमला 29 जुलाई,
हिम नयन न्यूज/ ब्यूरो/ वर्मा
हिमाचल प्रदेश की हर पंचायत में लोकमित्र केंद्र खोले जाएंगे। प्रदेश की 3600 से अधिक पंचायतों में डिजिटल सेवा केंद्र खुलने से लोगों को सभी प्रकार की डिजिटल सेवाओं, मिनी बैंक संग दर्जनों ऑनलाइन काम गांव में करवाने की सुविधा मिल पाएगी। इसके लिए हर पंचायत को राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) से पांच लाख का बजट प्रदान किया जा रहा है।
नए बन रहे पंचायत भवनों को पांच लाख रुपए का अतिरिक्त बजट को मिलाकर 33 लाख रुपए सामुदायिक भवन बनाए जाने को प्रदान किए जा रहे है, जबकि पुराने पंचायत भवनों के साथ लोकमित्र केंद्र यानी कॉमन सर्विस सेंटर सीएससी खोलने को भी पांच लाख रुपए का बजट प्रदान किया जा रहा है।
याद रहे कि सभी प्रकार के प्रमाण पत्र जैसे एससी-एसटी, ओबीसी, इनकम सर्टिफिकेट आदि दस्तावेजों के लिए ऑनलाइन ही लोकमित्र केंद्रों के माध्यम से अप्लाई किया जा रहा है। इसके अलावा लोकमित्र केंद्र में ज़मीन का पर्चा, मिनी बैंक के रूप में पैसे जमा करवाने व निकालने, नौकरी व अन्य कार्यों के आवेदन करने सहित सभी ऑनलाइन सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। अब ये सुविधाएं लोगों को अपने संबंधित पंचायत घरों में ही मिल पाएंगी।
इसके लिए पंचायती राज विभाग की ओर से पंचायतों में भवन निर्माण की प्रक्रिया अधिकतर क्षेत्रों में शुरू कर दी गई है। सूत्रो के मुताबिक हिमाचल की सभी पंचायतों को पांच.पांच लाख का बजट लोकमित्र केंद्र के लिए कमरा बनाने के लिए जारी किया जा रहा है। लोगों को पंचायत घर में ही सभी डिजिटल सेवाएं मिल पाएंगी।
पंचायत भवन के साथ बनेगा डिजिटल सेवा केंद
योजना के तहत पंचायत भवन के साथ ही एक अतिरिक्त कमरा डिजिटल सेवा केंद्र के रूप में भी बनाया जा रहा है। वहीं, लोकमित्र केंद्र में सेवाएं प्रदान करने के लिए सीएससी कंपनी के साथ भी टाईअप किया गया है, जो कि एक कर्मी की नियुक्ति के साथ ही सेवाएं प्रदान करने के लिए कम्प्यूटर, प्रिंटर व जरूरी उपकरण भी उपलब्ध करवाएगी।
इसमें सरकार की ओर से तय किए गए मूल्यों पर ही लोगों को सुविधा मिल पाएगी, बाकायदा इसकी रेट सूची भी पंचायत भवन में अंकित होगी और उसके आधार पर ही दाम वसूले जाएंगे।
दूसरी तरफ लोकमित्र केंद्रों में अधिक शुल्क वसूलने की शिकायतें लगातार अधिकारियों के पास पहुंचती हैं। सरकार की ओर से फीस निर्धारित की गई है, लेकिन लोगों को इसकी जानकारी न होने के कारण वे अधिक दाम देते हैं।
इस समस्या के हल के लिए पंचायतघर के साथ एक कमरा तैयार कर वहां लोकमित्र केंद्र खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसी के तहत राज्य के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में पहले चरण में ही 840 पंचायतों में से 313 पंचायतों को पांच-पांच लाख का बजट जारी कर दिया गया है।