बद्दी में राज्य स्तरीय औद्योगिक परामर्श कार्यशाला आयोजित!
शिमला/नालागढ़ 3 अगस्त
हिम नयन न्यूज़ ब्यूरो/रजनीश ठाकुर
नगर नियोजन, आवास प्रबंधन, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक तथा औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि प्रदेश सरकार तकनीकी शिक्षा के पाठ्यक्रम में उद्योग जगत की आवश्यकताओं के अनुरूप बदलाव करने लिए सतत् प्रत्यनशील है। राजेश धर्माणी आज सोलन ज़िला के बद्दी में बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ उद्योग संघ (बी.बी.एन.आई.ए.) एवं हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के सहयोग से आयोजित एक दिवसीय राज्य स्तरीय औद्योगिक परामर्श कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे थे।
राजेश धर्माणी ने कहा कि युवाओं को उद्योग जगत की आवश्यकताओं के अनुरूप दक्ष बनाना समय की मांग है। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य की पूर्ति में उद्योग जगत का सहयोग आवश्यक है। उन्होंने कहा कि वर्तमान एवं भविष्य की चुनौतियों को सफलतापूर्वक समझकर सुलझाने वाले युवा ही सही रोज़गार प्राप्त कर सकते हैं।
राज्य सरकार उद्योग जगत के साथ मिलकर इस दिशा में कार्य कर रही है ताकि हमारे युवा बेहतर रोज़गार प्राप्त कर सके और उद्योगों को कुशल रूप से दक्ष युवा मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार दक्षता में कमी के कारणों को चिन्हित कर रही है। उन्होंने उद्योग जगत से आग्रह किया कि वह दक्षता के विषय में अपनी आवश्कताएं प्रदेश सरकार से साझा करें।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि उद्योग जगत के सुझाव युवाओं के कौशल उन्नयन के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कुशल युवा को उद्योग जगत बेहतर प्रशिक्षण प्रदान कर अच्छा रोज़गार उपलब्ध करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि युवा ही देश की वास्तविक शक्ति है और सही दिशा में उचित कौशल प्रदान कर युवाओं की ऊर्जा का समुचित उपयोग किया जा सकता है।
राजेश धर्माणी ने कहा कि आज की कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य उद्योग में तकनीकी कौशल और शिक्षा की मांग को समझना है। उन्होंने कहा कि उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप तकनीकी शिक्षा प्रदान की जानी आवश्यक है ताकि आर्थिक विकास और रोज़गार का समन्वय स्थापित हो सके।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में 152 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, 16 पॉलीटेकनिक संस्थान तथा 05 इंजीनियरिंग महाविद्यालय हैं। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त प्रदेश में एक राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान तथा भारतीय तकनीकी संस्थान कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त निजी क्षेत्र में भी विभिन्न तकनीकी संस्थानों के माध्यम से युवाओं के कौशल को निखारा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम (एच.पी.के.वी.एन.) का मुख्य उद्देश्य युवाओं को दक्ष बनाना है। निगम से सभी पाठ्यक्रम हिमाचल प्रदेश के उम्मीदवारों को निःशुल्क प्रदान किए जाते हैं, ताकि आर्थिक बाधा गुणवत्तायुक्त शिक्षा और कौशल विकास में रुकावट न बनें। उन्होंने कहा कि उद्योगों की कौशल आवश्यकताओं को समझकर पाठ्यक्रम तैयार करना आवश्यक है।
राजेश धर्माणी ने कहा कि प्रदेश सरकार और उद्योग जगत के मध्य सहयोग से आर्थिकी भी विकसित होगी और प्रदेश के युवाओं को बेहतर रोज़गार भी उपलब्ध होगा। उन्होंने उद्योग जगत से आग्रह किया कि प्रदेश सरकार के तकनीकी संस्थानों के साथ जुड़े ताकि युवा उनकी विशेषज्ञता से लाभान्वित हो सके।
मुख्य संसदीय सचिव (उद्योग, राजस्व एवं नगर नियोजन) राम कुमार ने कहा कि बी.बी.एन. क्षेत्र में स्थापित उद्योगों में युवाओं के लिए रोज़गार के अवसर उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि तकनीकी पाठ्यक्रमों से जहां युवाओं की कुशलता बढ़ती है वहीं उद्योगों को प्रशिक्षित उम्मीदवार भी उपलब्ध होते हैं। उन्होंने कहा कि बी.बी.क्षेत्र. के विकास के लिए प्रशिक्षित युवा वर्तमान समय की मांग है जिसे पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार विभिन्न कदम उठा रही है।
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम की प्रबंध निदेशक गंर्धवा राठौर ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से कौशल विकास परियोजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ उद्योग संघ के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल ने उद्योग जगत की कौशल विकास से सम्बन्धित मांगों पर सारगर्भित जानकारी दी।
इस अवसर पर उद्योगपतियों तथा मंत्री जी के मध्य सम्वाद भी आयोजित किया गया।
कार्यशाला में बी.बी.एन.आई.ए. के विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और कौशल विकास के महत्वपूर्ण विषय पर विचार-विमर्श किया।
इस अवसर पर बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ विकास प्राधिकरण की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सोनाक्षी सिंह तोमर, निदेशक तकनीकी शिक्षा अक्षय सूद, उपमण्डलाधिकारी नालागढ़ दिव्यांशु सिंगल, महासचिव वाई.एस. गुलेरिया, हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के प्रदेश समन्वयक अतुल कडोता सहित विभिन्न उद्योगों के उद्योगपति व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।