शिमला 23 अक्तूबर,
हिम नयन न्यूज /ब्यूरो/ वर्मा
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में कार्प मछली उत्पादन में पिछले वर्ष की तुलना में वृद्धि हुई है। 2022-23 में उत्पादन 6,767.11 मीट्रिक टन से बढ़कर 2023-24 में 7,367.03 मीट्रिक टन हो गया है। वर्तमान में लगभग 2,600 मछुआरे इस व्यवसाय में सक्रिय हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार मछुआरों को उच्च गुणवत्ता वाले मछली के बीज उपलब्ध करा रही है और प्रदेश में सात सरकारी कार्प मछली फार्म स्थापित किए गए हैं। इन फार्मों में सोलन के नालागढ़ और ऊना के गगरेट में उन्नत अमुर कार्प बीज का उपयोग किया जा रहा है, जिससे किसानों को अगले वर्ष से उच्च गुणवत्ता वाले बीज मिलेंगे।
उन्नत प्रजातियों का विकास:
सरकार ने जून 2024 में केंद्रीय मीठाजल जीवपालन अनुसन्धान संस्थान भुवनेश्वर के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत जयंती रोहू और अमृत कटला प्रजातियों के उन्नत बीज भी किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे। ये प्रजातियाँ पारंपरिक किस्मों की तुलना में 20-25 प्रतिशत अधिक उत्पादन और रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करती हैं।
आधुनिक प्रशिक्षण केंद्र:
मात्स्यिकी विभाग द्वारा जिला ऊना के गगरेट में 5 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया गया है। इसके अलावा, जल्द ही नालागढ़ में कार्प फिश ब्रूड बैंक भी खोला जाएगा।
अनुदान और लाभ:
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार तालाब निर्माण के लिए किसानों को 80 प्रतिशत तक अनुदान प्रदान कर रही है। सामान्य श्रेणी के किसानों के लिए 1.38 करोड़ रुपये और अनुसूचित जाति व जनजाति के किसानों के लिए अतिरिक्त 59.52 लाख रुपये की राशि जारी की जाएगी। इस योजना के तहत किसान एक हेक्टेयर तक तालाब बना सकते हैं, जिससे उन्हें 10.50 लाख रुपये का लाभ हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना का लाभ प्रदेश के आठ जिलों में उठाया जा रहा है, जिससे मछुआरों की आय में सुधार होगा।