शिमला 12 नवम्बर,
हिम नयन न्यूज/ ब्यूरो /वर्मा
हिमाचल प्रदेश सचिवालय पैन्शनर एवं सम्बद्ध कल्याण संघ के महासचिव भूपराम वर्मा ने एक प्रैस ब्यान में कहा है कि संघ का वार्षिक साधारण अधिवेशन (जनरल हाऊस) आज 12 नवम्बर 2024 को शिमला के पंचायत भवन में संपन्न हुआ। जिसकी अध्यक्षता मदन लाल शर्मा ने की।
यह जानकारी देते हुए भूपराम वर्मा ने बताया कि पैन्शरनरों के सभी जवलन्त मुदों पर चर्चा हुई और अगली रणनीति भी तय की गई। उनका कहना है कि हिमाचल प्रदेश सरकार उच्च न्यायालय के फैसले आने के बाद भी पैन्शनरों के देय वितिय लाभ नही दे रही है ओर सरकार ने कोर्ट के फैसले को चुनौती देकर LPA दायर की है जो चिन्ता का विषय है। सरकार ने कर्मचारी और पैन्शनरों को आपस में बाटने का काम जारी रखा हुआ है।
01.01.2016 से 31.12.2021 के बीच सेवानिवृत हुए कमचारियों के वितिय लाभ संशोधित वेतनमान का भूगतान अभी तक नही हुआ है जबकि 01.01.2022 के बाद सेवानिवृत हुए कर्मचारियों को सभी लाभ दिए जा रहे है जो एक अन्याय और पक्षपात है।
संघ इस मामले को सरकार से बार-बार उठाता रहा परन्तु कोई कार्यवाही नही होने पर हि०प्र० सचिवालय पैन्शनर संघ ने 147 पैन्शनरों की याचिका माननीय उच्च न्यायलय में दायर की जिसका फैसला 22.03.2024 को आया जिसमें न्यायलय ने 6 प्रतिशत ब्याज सहित 6 सप्ताह में सरकार को अदायगी के आदेश पारित किए परन्तु सरकार ने न्यायलय के फैसले के विरूद्ध LPA दायर कर दी और बावजूद अवमानना याचिका दायर करने के बाद भी सरकार देय राशि नहीं दे पाई है। जो चिंता का विषय है।
महासचिव ने बताया कि सरकार को बने लगभग 2 वर्ष का समय हो गया है और करोडो रूपये का ऋण भी पार कर चुकी है और 140 करोड़ केन्द्र सरकार से आपदा राहत कार्य के लिए प्राप्त हुए थे परन्तु हि०प्र० सरकार इस राशि को खर्च करने में विफल रहीं और यह पैसा REDौस प्रो माथा जान्तु कर्मचारियों / पैन्शनरों की मंहगाई भते की 3 किश्तें एवं बकाया वितिय BHOपर्म देन पे अरुमर पा प्रदेश का पूरा कर्मचारी वर्ग और पैन्शनरर्ज इस समय सरकार की कार्यप्रणाली से सन्तुष्ट नहीं है क्योंकि सरकार अपने लिए फिजुलखर्ची कर रही है। सरकार ने मन्त्रियों एवं विधायकों के वेतन और भत्ते चुपके से बढ़ा दिए है और कर्मचारियों के लिए खजाना खाली की बात करते है।
भूपराम वर्मा ने बताया कि राजनितिक नियुक्तियां व सेवानिवृत लोगो को पुन रोजगार जारी है। अतिरिक्त एडवोकेट जनरल भी 94 के लगभग नियुक्त है जबकि उनकी स्वीकृत संख्या 35 ही है उन्होने कहा कि इनके अलावा नामी वकीलों को केस लड़ने के लिए लगभग करोडो रूपए खर्च किए जा रहे है। सरकारी भवनों की मुरम्मत व सौंदर्यीकरण में करोड़ो रूपए खर्च किए जा रहे है। इसके अतिरिक्त संघ के प्रधान का कहना है कि सचिवालय कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारियों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला विशेषाधिकार प्रस्ताव लाना न्याय संगत नहीं है इसे तुरन्त वापिस लिया जाना उचित रहेगा।
हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक न्यायाधिकरण का बहाल करना भी जनहित में नहीं है जिसका सभी कर्मचारी वर्ग विरोध कर चुके है जिस पर करोड़ों का खर्च आएगा।
महासचिव ने बताया कि वर्तमान कार्यकारणी का कार्यकाल अगले तीन वर्षों तक बढ़ा दिया गया है। मीटिंग में यह भी प्रस्ताव पास किया गया कि संघ हिमाचल प्रदेश के समस्त पैन्शनर संगठनों और कर्मचारियों के संगठनों से समन्यव बना कर संयुक्त कार्रवाई समिति का गठन कर सरकार से JCC की मांग करेगी और यदि सरकार समय रहते वितीय लाभ नहीं देती है तो आन्दोलन सड़को तक पहुंचेगा। ॥