सीपीए की नियुक्तिायो करने को जतना के पैसे का दुरूपयोग का लगाया आरोप
शिमला नालागढ बद्दी 14 नवम्बर
हिम नयन न्यूज ब्यूरो वर्मा रजनीश ठाकुर
हिमाचल सचिवालय एवम् सम्बन्ध पैन्शनर कर्मचारी संध के प्रधान मदन शर्मा उपाध्यक्ष श्रीकति नीलम शर्मा व महासचिव भूप राम वर्मा ने एक संयुक्त व्यान में कहा है कि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के डब्बल बैंच की ओर से प्रदेश में नियुक्त किए गए मुख्य संसदीय सचिव (सीपीएस ) की नियुक्ति को अवैध ठहराने और उन्हे दी जा रही सभी सविधाओ को तत्काल प्रभाव से वापिस लेने के फैसले का स्वागत किया जाता है ।
इन सेवानिवृत कर्मचारी नेताओ ने आरेप लगाया कि मुख्य मन्त्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू सरकार संविधानिक तरीके से चलाने में विश्वास नही रखते और सीपीएस की तैनाती का फैसला असंवैधानिक और तानाशाही पूर्ण तरीके से लिया गया था ।
इन सेवानिवृत कर्मचारी नेताओ ने आरोप लगया कि इन गैर संवैधानिक नियुक्तियो को कर के सुक्खू सरकार ने जनता के पैसे का दूरूपयोग किया है यह निर्ण असंवैधनिक तरीके से लिया गया है । न्यायालय ने संरकार के इस निर्णय को निरस्त करके सात संसदीय सचिवो को हटाने का निर्णय दिया है लेकिन सरकार इसके बावजूद अभी भी इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जा कर सरकारी धन का दुरूपयोग करने की मन्शा जाहिर कर चुकी है ।
उन्होने बताया कि सरकार हिमाचल के धन का दुरूपयोग कर रही है और विकास कार्यो के लिए आर्थिक तंगी का रोना रोती है । उन्होने बताया कि कर्मचारियो को भ्रमित करके सता में काबिज सरकार अब कर्मचारियो के साथ भेदभाव व टकराव की स्थिति में शासन कर रही है । उन्होने बताया कि यदि हिमाचल में सात सीपीएस के अतिरिक्त बोझ को जनता के उपर न लादा गया होता तो आज सरकार करोडो रूपए की बचत कर लेती लेकिन यह सरकार जनता के धन का दुरूपयोग कर रही है ।