शिमला 2 दिसम्बर ,
हिम नयन न्यूज /ब्यूरो/ वर्मा
सहजयोगा में व्यक्ति को अपने अन्दर की पूर्ण एककारिता तभी सम्भव है जब हम अपने उत्थान के प्रति पूरी तरह से समपिॅत होंगे ।
इस बारे में सहजयोगा की संस्थापिका श्री माता जी निर्मला देवी ने अपने 5 मई 1980 के एक सम्बोधन में कहा है कि पहला और सबसे आवश्यक अपने उत्थान के लिये आपको समय देना होगा जो न तेा मुझे दिखाने के लियेऔर न ही किसी और को दिखाने के लिये। यह केवल आपके लिए और केवल आपके लिए ही है ।यह आसान भी है और अच्छा भी है अत्यन्त आनन्ददायक है अपने चक्रों को साफ रखना ।
उन्होने कहा है कि सबसे पूर्ण वफादारी से हम अपने प्रति वफादार है सहजयोगा आपको परमात्मा से जोडने के लिए है और इसके लिए पूरी ईमानदारी जरूरी है । अपको पता होना चाहिए आपकी मॉ आपके प्रति पूर्णतया ईमानदार है और आपको भी वैसी ही ईमानारी अपने प्रति रखनी चाहिए ।
उन्होने कहा है कि उसी के पश्चात आपको सहजयोग का आनन्द मिलने लगेगा ।(05.05.80]
याद रहे कि हिमाचल में भी सहजयोगा के प्रति लोगो का रूझान बढने लगा है बहत से लोग ऑन लाईन ध्यान धारणा के लिए सहजयोग को अपनाने लगे है । इस बारे में सोलन जिले के समन्वयक रशमी खोसला बहन ने बताया कि सहजयोगा श्री माताजी निर्मला देवी जी की ओर से दुनिया भर के सभी लोगो के लिए बिना किसी धर्म,जाति व लिंग भेद के निशुल्क रखा गया है ।
इस को पाने के लिए हिमाचल के लगभग सभी जिला मुख्याल्यो पर साप्ताहिक सामुहिक ध्यान केन्द्र चलाए जा रहे है । उन्होने बताया कि सहजयोगा करने के लिए टोल फ्री नम्बर 180030700800 के अलावा उनके व्यक्तिगत नम्बर 8894900899 पर भी सम्पर्क कर सकते है । सहजयोगा के बारे में किसी भी जानकारी के लिए हिम नयन न्यूज के कार्यालय के सम्पर्क नम्बर 9418450853 पर भी सम्पर्क किया जा सकता है । यह सेवा निशुल्क और हमेशा उपलब्ध है ।