नालागढ 21 फरवरी,
हिम नयन न्यूज /ब्यूरो /वर्मा
सनातन धर्म का सैद्धान्तिक सर्वमान्य ग्रंथ शिव पुराण है स्वामी हरि चेतनानंद वीरेश्वर महादेव मंदिर मगनपुरा नालागढ़ में शिव पुराण कथा के प्रथम दिवस पर शिव पुराण कथा का शुभारंभ करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी हरि चेतनानंद ने कहा
कलयुग में उत्पन्न होने वाले जीवो का कल्याण करने के लिए शिव पुराण की रचना स्वयं भगवान ने की सभी ग्रंथ भगवान शंकर से ही निकलते हैं सब के बीज मूल भगवान शंकर हैं भगवान शंकर दया करुणा के मूर्त रूप हैं शिव स्वयं प्रकाश रूप परम तत्व परमानन्द के दाता है शिव सृष्टि के पाँच कार्य कर रहे है सृजन पालन संहार अनुग्रह बिग्रह शिव पुराण कथा श्रवण से मनुष्य के ज्ञात अज्ञात समस्त पाप समाप्त हो जाते हैं अति पापी को निराश नहीं होना चाहिए भगवान अभिमानी से घृणा करते हैं पापी से नहीं जीवन में कुसंग से बचो काम क्रोध महा शत्रु है इनसे बचने का प्रयास करें देवराज कुसंग में पड़ गया फिर उसने प्रयागराज मैं एक महीने तक अज्ञाना अवस्था में शिव पुराण की कथा श्रवण की उसके समस्त पाप जल गये अंत में उसे शिवलोक की प्राप्ति होती है देवताओं की पूजा मूर्ति में होती हैं भगवान शिव की पूजा मूर्ति एवं लिंग दोनों में होती है शिव कथा प्रतिदिन दोपहर 1 बजे 5 बजे तक चलेगी