शिमला 31 अगस्त,
हिम नयन न्यूज /ब्यूरो /रजनीश ठाकुर
सरकार ने कर्मचारियों का भविष्य निधि भी गिरवी रख दी। जो पैसा कर्मचारी अपने भविष्य के लिए संभाल कर रखते हैं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उसे भी गिरवी रखकर उसके बदले कर्ज़ ले लिया
सरकार द्वारा कर्मचारियों को पाँच तारीख़ को और पेंशनर को दस तारीख़ को पेंशन दिए जाने के निर्देश ट्रेज़री को दिए गए हैं
अगर ऐसा होता है तो कर्मचारियों पर बड़ी आफ़त आएगी क्योंकि कर्मचारी का एक एक पैसा भी निर्धारित होता है कि कहाँ ख़र्च करेगा, उसे EMI देनी होती है बच्चों की फ़ीस देनी होती है घर का किराया देना होता है और सभी चीज़ें की 5 तारीख़ से पहले ही देनी पड़ती है ऐसे में उसे भी एक अलग तरह की कठिनाई का सामना करना पड़ेगा।
अपना वेतन देर से लेने की बात तो बहाना है, सरकार इसी बहाने कर्मचारियों से कहेगी कि आप भी अपना वेतन दो तीन महीनें बाद लो।
फिर कुछ महीनें बाद कहेंगे कि हम वेतन देने में सक्षम नहीं हैं।
भवन निर्माण और कर्मचारी कल्याण बोर्ड के चेयरमैन के ऑनररेरियम को 30 हज़ार से बढ़ाकर 1 लाख 30 हज़ार कर दिया।
सुक्खू सरकार प्रदेश को आर्थिक दिवालियापन की तरफ़ ले जा रही है।
एक तरफ़ सरकार कहती है वह अपने मंत्रियों और सीपीएस का वेतन दो महीने के लिए विलंबित करती है दूसरी तरफ़ उनकी असंवैधानिक नियुक्ति को बचाने के लिए छह करोड़ से ज़्यादा रुपये दिल्ली के वकीलों पर ख़र्च करती है।
हम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नाख़ून कटवाकर शहीद होने के हथकंडे को क़ामयाब होने नहीं देंगे।