पंजाब (कपूरथला), 23 फरवरी
हिम नयन न्यूज/ ब्यूरो/ वर्मा
पंजाब के कपूरथला के श्री हरिनाम प्रचार मंडल मंदिर श्री जानकीदास के संस्थापक नरेन्द्र प्रसाद पंछी ने गत दिवस समस्त शिव भक्तों को महाशिवरात्रि को समर्पित धार्मिक जानकारी देते बताया कि रात्रि जागरण के सम्बन्ध में श्री कृष्ण के वाक्यों की ओर ध्यान देना आवश्यक है

“या निशा सर्व भूतानां तस्यां जागर्ति संयमी”
अर्थात जब सम्पूर्ण प्राणी अचेतन होकर नींद की गोद में सो जाते है तो संवमी, जिसने उपवासादि द्वारा इंद्रियों पर नियंत्रण प्राप्त करना हो तो जागकर अपने कार्यों को पूर्ण करता है क्योंकि साधन व सिद्धि के लिए जिस एकान्त हो तो और शांत वातावरण की आवश्यकता होती है, वह रात्रि से बढ़कर ओर क्या हो सकती है।
पंछी ने उपवास की महत्ता को बताते हुए कहा कि क्योंकि अन्न में भी एक प्रकार का नशा होता हैउसमें कोई बाधा नहीं आती।
भूख हर व्यक्ति की प्राथमिक आवश्यकताओं में से एक है। इसलिए भूख को सहन करने का अर्थ है अपनी इच्छा शिक्त में वृद्धि करना।
शरीर को जीवित रखने हेतु भूख की तृप्ति अत्यंत आवश्यक है इसलिए जो भूख पर नियंतण कर लेता है उसके लिए अन्य छोटी मोटी आदतों पर विजय प्राप्त करना आसान हो जाता है क्योंकि वह भूख के समान इतनी गहरी नहीं होती।
उपवास को तेज धारा के विपरीत तैरने का प्रयोग भी समझा जा सकता है।
अन्त में भोले शंकर की पूजा आराधना के उपलक्ष्य में पंछी ने बताया कि पूजा से पहले मस्तक पर भस्म व गले में रूद्राक्ष की माला का होना आवश्यक है। पुष्पों के बिना भगवान शिव व विष्णु जी की पूजा सम्पूर्ण नहीं मानी जाती।